मैट्रो प्लस से नेहा खन्ना की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 30 मार्च: पहली बार सीबीएसई परीक्षा पेपर लीक को लेकर उस वक्त सुगबुगाहट तेज हुई। जब रोहिणी के पुलिस कंट्रोल रूम में 13 मार्च को यह फोन आया कि 12वीं कक्षा के एकाउंटेंसी का पेपर लीक किया जा रहा है। यानि इस विषय की परीक्षा से दो दिन पहले यह फोन किया गया था।
कॉल करने वाले ने पुलिस को बताया कि उसके ट्यूशन में पढऩे वाले दोस्त ने चार हजार रूपये में प्रश्न पत्र देने की बात कही है। डीसीपी रोहिणी रजनीश गुप्ता ने कहा जिसने कॉल किया था उसका मोबाईल फोन स्वीच ऑफ जा रहा है। और उसके सिम कार्ड के लिए दिया गया पता अधूरा है। ऐसे में यह शिकायत बिना किसी जांच के ही छोड़ दिया गया।
15 मार्च को परीक्षा शुरू होने के कुछ मिनट पहले ही व्हाट्सएप पर एकाउंट्स के पेपर्स के 10 पेज सर्कुलेट होने लगे। इस घटना ने अधिकारियों को असमंजस में डाल दिया। जो फोटो व्हाट्सएप पर सर्कुलेट किया जा रहा था वह एकाउंट्स के सेट-2 पेपर से मिलता जुलता था। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस लीक की पुष्टि की। लेकिन दोपहर बाद सीबीएसई ने इस लीक को खारिज करते हुए कहा कि सभी प्रश्नपत्रों के सील लगे हुए थे।
पुलिस ने बताया कि इसलिए जब 23 मार्च को 4 बजकर 22 मिनट पर असान्य रूप से सीबीएसई को एक फैक्स मिला उसके बाद उन्हें लगा कि यह किसी की शरारत है। अज्ञात जगह से मिले इस फैक्स में यह बताया गया कि पेपर लीक में में शामिल शख्स ट्यूशन सेंटर का मालिक है जो सेंट्रल दिल्ली के राजेन्द्र नगर में कोचिंग चलाता है। फैक्स भेजने वाले ने राजेन्द्र नगर के दो स्कूलों का नाम भी बताया जो इस क्राइम में शामिल थे।
यह शिकायत अगले दिन सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालय में भेज दी गई। सीबीएसई के रीजनल डॉयरेक्टर ने बताया कि उसके बाद क्षेत्रीय कार्यालय ने शिकायत को व्हाट्सएप के जरिए पुलिस इंस्पेक्टर को भेज दी।