Metro Plus News
फरीदाबाद

लाईसैंस बनवाने वाले खा रहे हैं धक्के, कम्प्यूटर टेस्ट के लिए रखी LED स्क्रीन पड़ी है खराब

लाईसैंस के कम्प्यूटर टेस्ट के लिए रखी एलईडी स्क्रीन खराब होने का खामियाजा उठाना पड़ रहा है जनता को
मैट्रो प्लस से महेश गुप्ता की रिपोर्ट
बल्लभगढ़, 10 अप्रैल: एसडीएम कार्यालय में अपना ड्राईविंग लाईसेंस बनवाने के लिए आने वाले लोगों का अपना लर्निंग लाईसैंस का कम्प्यूटर टेस्ट देने में आजकल बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कारण है यहां कम्प्यूटर टेस्ट देने के लिए आने वाले लोगों को टेस्ट देने से पहले दिखाई जाने वाली LED स्क्रीन का खराब होना। लोगों को ट्रैफिक के नियम व कायदे कानून स्क्रीन पर फिल्म के माध्यम से समझाने के लिए यह स्क्रीन लगवाई गई थी जिसके बाद कि आवेदक का कम्प्यूटर पर टेस्ट लिया जाता है। वो बात अलग है कि स्क्रीन खराब होने के बावजूद भी आवेदकों के टेस्ट लेकर उन्हें फेल या पास किया जा रहा है जोकि कानूनन ठीक नहीं है।
आरोप है कि टेस्ट में उन्हीं लोगों को पास किया जाता है जोकि उनकी सेवा-पानी  कर देते हैं बाकियों को फेल कर दोबारा टेस्ट देने की बात कहकर भगा दिया जाता है। इसकी शिकायत जब मारूति कंपनी द्वारा चलाए जा रहे इस सेंटर के इंस्ट्रेक्टर आलोक कुमार झा से की जाती है जो वहां भी उन्हें कोई रिस्पोंस मिलने की बजाए बेइज्जत कर भगा दिया जाता है। आरोप यह भी है कि सैंटर पर आवेदको से कैसलेस के नाम पर टेस्ट के लिए लिए जाने वाले 118 रूपये नगद नहीं लिए जाते। और जो लिए जाते हैं वो उन्हीं लोगों से जोकि इनको खुश  कर देते हैं। परिणाम यह निकलता है कि टेस्ट में फेल हुए लोगों को मजबूरीवश दलालों की शरण में जाना पड़ता है जहां उनका काम बिना किसी परेशानी के हो जाता है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसके लिए इन्हें इन दलालों की अलग से जेब गर्म करनी पड़ती है।
उक्त आरोपों को लेकर जब सेंटर इंस्ट्रेक्टर आलोक कुमार झा से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें यहां आए हुए अभी 10-15 दिन ही हुए और स्क्रीन उनके आने से पहले से ही खराब है। ज्यादा जानकारी के लिए उन्होंने जितेन्द्र व मनोज नामक कर्मचारियों से सम्पर्क करने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
वहीं इस संबंध में जब मारूति के पूरे हरियाणा के कम्प्यूटर सेंटर प्रभारी आलोक मलिक से बात की गई तो उन्होंने तो एलईडी स्क्रीन का खराब होने की बात से ही इंकार कर दिया। उनका कहना था कि मशीन आज ही खराब हुई है और उसको ठीक करने के लिए उन्होंने मैकेनिक भेज दिया है।
अब यहां दोनों की अधिकारियों/कर्मचारियों के बयानों में विरोधाभास झलक रहा है। इनमें से कौन सच्चा है और कौन झुठा है ये तो ये ही जाने लेकिन जहां तक एलईडी स्क्रीन के खराब होने की बात है तो वो बल्लभगढ़ के अलावा फरीदाबाद की भी खराब है, कम से कम समाचार लिखे जाने तक तो। इसका खमियाजा अपना लर्निंग लाईसैंस का कम्प्यूटर टेस्ट देने आए लोगों को बेवजह भुगतना पड़ रहा है। वहीं जब आलोक मलिक से कैसलेस के बारे में बात की गई तो उनको कहना था कि वे मोदी सरकार की कैसलेस प्रणाली को बढ़ावा दे रहे हैं और इसके लिए उन्होंने आम जनता की सुविधा के लिए आधार कार्ड, स्वेप मशीन तथा पेटीएम से भुगतान करने की व्यवस्था कर रखी है। उक्त तीनों चीजों के ना होने पर नगद भुगतान करने को लेकर वो कोई साफ जवाब नहीं दे पाएं।
अगर बात की जाए सेंटर इंस्ट्रेक्टर की क्वालिफिकेशन/योग्यता की तो उसका आटोमोबाईल से डिप्लोमा होल्डर होना चाहिए। जबकि आलोक कुमार का कहना था कि सेंटर इंस्ट्रेक्टर को हम ट्रेनिंग देते है और वो ग्रेजुएट होना चाहिए। जहां तक डिप्लोमा होल्डर होने की बात है तो वो गाड़ी सिखाने वाले के लिए होता है जिसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट में प्रावधान है।
यहीं नहीं, इस सेंटर पर उन लोगों को भी ट्रेनिंग देने का काम किया जाता है जिनका पुलिस चालान काट देती है। इस चालान का भुगतान तभी किया जा सकता है जब वो यहां से ट्रेनिंग लेकर उसकी रसीद दिखा दी जाती है।
जो भी हो बल्लभगढ़ के सेंटर की स्क्रीन खराब होने का नुकसान फिलहाल उन लोगों को उठाना पड़ रहा है जो स्क्रीन पर फिल्म ना देख पाने के चलते जानकारी के आभाव में कम्प्यूटर टेस्ट में फेल हो जाते है और फिर उन्हें पास होने के लिए मजबूरन दलालों की शरण में जाना पड़ता है।



Related posts

VIDYA MANDIR स्कूल के बच्चों ने क्रिसमस-डे पर दिया मानवता का संदेश

Metro Plus

विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल ने हर्षोल्लास से मनाया फाउंडेशन डे

Metro Plus

Shine Studio को अभिनेत्री जुही चावला ने Best Wedding Photography के लिए Wedding Mantra Award-2017 के सम्मान से नवाजा

Metro Plus