मैट्रो प्लस से नेहा खन्ना की रिपोर्ट
फरीदाबाद,17 अप्रैल: खाना,हवा,पानी,ऊर्जा,बिजली आज की जरूरत बन गई है। बगैर इसके हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकतें है। वर्तमान में विश्व के तमाम देशों कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और देश की तरक्की में ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। परन्तु आज हमारे देश में बिती संख्या और शहरीकरण के चलते बिजली की मांग लगातार बढ रही है। इसकी आपूर्ति आज चुनाव मुद्दा तक बन गई है।
भविष्य में बिजली,ऊजा का नया विकल्प क्या हो सकता है। एक दिवसीय जन जागरूकता कार्यक्रम हरियाणा के बहादुरगढ स्थित गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी में भारत सरकार का उपक्रम न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया व आई डियास फस्ट द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कॉलेज के छात्र-छात्राओं में विकरण रेडिएशन के भय को दूर करने का प्रयास किया गया। साथ ही कॉलेज को एक बुधिया कहानी खुशहाल गांव की कॉमिक नि:शुल्क प्रदान की।
संदीप पाल ने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी देश में 20-25 प्रतिशत लोगों को अपना जीवन अन्धकार में व्यतीत करना पड रहा है। जिस कारण उक्त क्षेत्रों में शिक्षा चिकित्सा सेवा बदला है। उद्योग-धंधे प्रभावित हैं। लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हुये हैं। आज केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए देश की जनता को 24 घंटे सस्ती बिजली उपलब्ध कराना चुनौती बन गया हैें।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में पारंपरिक श्रोतों से ऊर्जा की आपूर्ति सम्भव नहीं है। देश में कोयले और गैस के भंडार सीमित हैं। तथा जीवाश्म ईंधन प्रचलित बिजली घरों से उत्पन्न होने वाली ग्रीन हाउस गैसों के प्रति विश्व की बिती चिन्ताओं के कारण आने वाले समय में परमाणु ऊर्जा को प्रोत्साहित करना तथा प्रयोग में लाना अति आवश्यक है। आज देश में कुछ संगठन द्वारा जनता में रेडिएशन का भय दिखाकर उनके मान परमाणु संयंत्र कों लेकर भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। जबकि आज रेडिएशन का इस्तेमाल एक्सरे व कैंसर की बीमारी समेत अन्य बीमारियों से लडने में किया जा रहा है। ऐसे संगठन व लोग देश के विकास की राह में बाधा हैं। हम कह सकते है कि विकरण शत्रु नहीं मित्र है।
एन पीसी आई एल के संदीप ने कहा कि आज फ्रांंस, रूस चाईना,जापान,ब्रिटेन अमेरिका समेत विश्व के 31 देशों ने परमाणु ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल कर खूब तरक्की की है। ऐसे में हम और हमारा देश पीछे क्यो रहे।
रेडियशन से डरने की जरूरत नहीं है। आज बीमारियों से लडने मे सूई को संक्रमण से बचाने फलों को सडने व अन्य चीजों में रेडिएशन का इस्तेमाल होता है। जो हमारे हित में है। इसलिए हम कह सकते हैं। विकरण दुश्मन नहीं दोस्त है।