मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चण्डीगढ़, 19 मई: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वे अपनी रसोई का खर्च और अपनी दवाई का खर्च स्वयं अपने वेतन से अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी रसोई का खर्च चाहे दस हजार हो, 15 हजार हो या 20 हजार हो, उसका चैक उनके वेतन से काटा जाता है। इसी प्रकार उनकी दवाई का खर्च भी चाहे वो दो हजार हो या तीन हजार रुपए हो, उसका खर्च भी उनके वेतन से अदा किया जाता है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कभी भी मुख्यमंत्री आवास पर अनाप-शनाप खर्चें नहीं करवाए बल्कि जब वे शुरू में आए तो बिस्कुट-नमकीन व मिठाई सप्लाई करने वाले ने कहा कि मेरा नुकसान हो रहा है, पहले तो सात-आठ लाख रुपए का बिल बनता था परंतु अब केवल 20 से 25 हजार रुपए का ही बिल बनता है। उन्होंने कहा कि बिल बनाने वाले को पूरी छुट थी। परंतु अब हर चीज का सिस्टम हैं पहले बिल बंटवारा होता था परतु अब नहीं होता।
उन्होंने कहा कि जो सिस्टम आज हमने बनाया है उस सिस्टम से चीजें आगे बढ़ जाएगी तो समाज, नेता और लोगों का भी भला होगा और एक अच्छी व्यवस्था के माध्यम से हम जनता पर पैसे का बोझ नही डालेंगें, जिसके कारण से दुनियाभर ऐसे अनाप-शनाप खर्चें दिखा करके हम जनता पर बोझ नहीं डालेंगें, क्योकि यह जनता का पैसा हैं और मुझे क्या अधिकार है कि इस पैसे को मैं अपने ऊपर खर्च करूं।
उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति बहुत ही आग्रह पर भी नही मानता है और जब उन्हें लगता है तो उसे वे अपने एक महीने का वेतन दे देते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां राजनेताओं ने जातिगत राजनीति के तहत वोट बनाए हैं, परंतु हमने एक जाति का न होकर यह नारा दिया है कि हरियाणा एक-हरियाणावी एक है। उन्होंने कहा कि जाति की बजाए प्रदेश व देश के हित में सोच कर आगे चलना चाहिए और जब हर व्यक्ति देश व प्रदेश के हित में आगे बढ़ेगा तो और देश व प्रदेश आगे बढ़ जाएगा।