मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
भिवानी, 9 जून: इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिगिवजय सिंह चौटाला ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को आडे हाथो लेते हुए कहा कि विज साहब मीडिया के सामने बड़ी-बड़ी डींगे हांकते हैं लेकिन धरातल पर यदि गौर किया जाए तो पूरे प्रदेश के अंदर स्वास्थ्य व्यव्यवस्था का दिवाला निकला हुआ है। चौटाला ने कहा कि हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि अस्पतालों से मरीज गायब हो जाते हैं और सात दिन बाद अस्पताल के सीएमओ कार्यालय के पीछे लावारिस हालात में मरीज मृत पाया जाता है। जिसके शव को कुत्ते नोंच रहे थे। पूरी घटना होने के बावजूद भी अस्पताल प्रशासन को भनक तक नहीं लगती। दिगिवजय का ईशारा भिवानी के चौ० बंसीलाल नागरिक अस्पताल में पिछले दिनों 75 वर्षीय मरीज श्योताज की मौत की ओर था।
इस मौके पर स्वास्थ्य व्यवस्था के इस हालात पर बोलते हुए दिगिवजय ने कहा कि यही नहीं रोहतक पीजीआई तक में स्वास्थ्य व्यवस्था का जनाजा निकला हुआ है। मरीजों के लिए बिस्तरे नहीं है, दवाईयां तो बहुत दूर की बात हैं। मरीज अस्पतालों की गैलरी में पड़े रहते हैं और स्वास्थ्य विभाग मूक दर्शक बनकर देखता रहता है। उन्होंने कहा कि यदि बात डॉक्टरों की की जाए तो अकेले भिवानी, हिसार, महेंद्रगढ़, सिरसा में जहां प्रत्येक अस्पताल में 50 से 55 डॉक्टरों की आवश्यकता है वहीं मात्र 15 से 20 डॉक्टर इस कार्य को करने में लगे रहते हैं। दिगिवजय ने कहा कि भिवानी में झज्जर जिले के गौरिया निवासी 75 वर्षीय श्योताज की रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना ने स्वास्थ्य विभाग और खुद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पुख्ता इंतजामों की पोल खोल कर रख दी है। पिछले दिनों भी पूर्व मुख्यमंत्री मास्टर हुक्म सिंह की पीजीआई में ईलाज में कोताई को लेकर भारी हंगामा हुआ था और ऐसी अनेकों घटनाएं पीजीआई जैसे बड़े स्वास्थ्य सैंटरों आए दिन होती हैं जिनकी जांच केवल मात्र स्वास्थ्यमंत्री के अखबारी ब्यान और फाईलों तक सिमट कर रह जाती हैं।
दिगिवजय ने कहा कि सरकार ने एक ओर तो आम नागरिक के लिए सरकारी अस्पतालों में पुख्ता इंतजामों का दावा कर रही है हकीकत में मरीजों को पर्ची बनवाने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ती है आलम यह है कि एक मरीज को डॉक्टर तक पहुंचने के लिए चार से पांच घंटे लग जाते हैं। उपर से डॉक्टरों की भारी कमी से मरीज की बीमारी के तय तक पहुंचना भी मुश्किल ही नजर आता है। दिगिवजय ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को चुनौती देते हुए कहा कि यदि स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा प्रदश्ेा में बेहत्तर स्तर पर है तो अनिल विज डॉक्टरों की नियुक्ति के साथ-साथ प्रत्येक शहर के नागरिक अस्पताल की व्यवस्था का श्वेत पत्र जारी करे नहीं तो वे अपने पद से त्यागपत्र दें।