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Asha Jyoti Vidyapeeth स्कूल में एक अनोखी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया

बच्चों द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसकी पूरी व्यवस्था स्कूल के बच्चों ने स्वयं की
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 21 जुलाई: फरीदाबाद बाईपास सैक्टर-65 स्थित आशा ज्योति विद्यापीठ स्कूल में एक अनोखी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि इस प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि के रूप में स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावक उपस्थित थे। जबकि इस पूरी प्रदर्शनी की व्यवस्था स्कूल के बच्चों ने की थी। बच्चों के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्कूल प्रांगण में पौधारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। जिसकी पूरी व्यवस्था स्कूल के बच्चों ने स्वयं की थी।
इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए स्कूल की प्राचार्य विधु ग्रोवर ने बताया कि इस प्रदर्शनी में स्कूल के बच्चों ने खुद के द्वारा बनाए गए मॉडल व अन्य सामग्री जिनमें साहित्य वह शिक्षा से जुड़ी अन्य कलाकृतियां शामिल थी प्रस्तुत की। विधु ग्रोवर के अनुसार इस प्रदर्शनी में किसी भी बाहर के अतिथि को आमंत्रित नहीं किया गया। बल्कि केवल स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों को आमंत्रित किया गया। ताकि वह यह देख पाए कि उनके बच्चों ने स्कूल में क्या सीखा है और स्कूल द्वारा सिखाए गए गुणों को किस प्रकार से उनके बच्चे मूर्त रूप दे रहे हैं उनके अनुसार अभिभावकों ने जब यह देखा कि उनके बच्चों ने वह सब कर दिखाया है, जोकि वह दूसरी जगह देखते थे और आश्चर्य करते थे तो अभिभावको की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और अभिभावकों ने न केवल स्कूल के टीचिंग स्टाफ की प्रशंसा की बल्कि अपने बच्चों की काबिलियत पर भी गर्व किया। आज की इस प्रदर्शनी के दौरान उनके लिए भी एक बात खासी आश्चर्यजनक रही कि बच्चों ने स्कूल प्रांगण में सुरंग पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया और बच्चों ने अपनी पसंद के पौधे अपने हिसाब से स्कूल प्रांगण में लगाएं। यही नहीं इन बच्चों ने इस आयोजन के मुख्य अतिथियों के रूप में आए अपने अभिभावकों से भी पौधारोपण कराया और जब छात्र-छात्राएं अपने अभिभावकों को पौधारोपण कराने के लिए प्रांगण में ले जा रहे थे वह क्षण अभिभावकों के लिए काफी गर्व भरा था।
इस मौके पर प्राचार्य श्रीमती विधु ग्रोवर के अनुसार आशा ज्योति विद्यापीठ का शुरू से ही है प्रयास रहा है कि वह बच्चों का सर्वांगीण विकास करें और इसके लिए यह जरूरी है कि बच्चों को पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाए। आज का जो आयोजन था वह इसी कड़ी में उठाया गया एक कदम था उनके अनुसार इस तरह के आयोजनों से बच्चों तथा अभिभावकों में जहां आत्मविश्वास बढ़ता है वही स्कूल प्रशासन को भी आत्ममंथन का मौका मिलता है।


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