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पढि़ए, निगमायुक्त की नजर में होने के बावजूद सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाकर कैसे और कहां बने रहे हैं अवैध कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स

पार्ट-1
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 21 सितम्बर: बड़े साहब यानि नगर निगम कमिश्रर मोहम्मद शाईन विदेश यात्रा पर क्या गए, निगम अधिकारियों की तो जैसे मौज ही आ गई खासकर इंफोर्समेंट अर्थात तोडफ़ोड़ से जुड़े अधिकारियों की। उनकी तो फिलहाल पांचों उंगली घी में और सिर कड़ाई में है। निगमायुक्त के बाहर जाते ही निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण की तो जैसे बाढ़ ही आ गई विशेष तौर पर बडख़ल व फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्रों में। चाहे वह एन.एच.-5 हो, 1 नंबर हो फिर सैक्टर-10 का डीएलएफ और हाऊसिंग बोर्ड का एरिया जहां देखो वहीं अवैध निर्माण पर अवैध निर्माण होते नजर आ रहे हैं। नगर निगम के तोडफ़ोड़ विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से आजकल बडख़ल व फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र में अवैध निर्माणों और अवैध कब्जों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इसका जीता-जागता प्रमाण हैं उपरोक्त क्षेत्रों में हो रहे निम्न अवैध निर्माण।
1. एनआईटी का एनएच-5डब्ल्यूएच/31-32:-
एनएच-5 मार्किट में सब्जी मंडी के पास विडो होम में यहां हरे पर्दे तथा फ्लैक्स बोर्ड की आड़ में दोनों तरफ (टू साईड ओपन) तेजी से धड़ाधड़ अवैध निर्माण हो रहा है। यहां मार्किट की तरफ तो बिना सीएलयू के तीन मंजिला कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स बनाया जा रहा हैं वहीं उसी के पीछे की तरफ बिना नक्शा पास कराए चार मंजिला फ्लैट बनाकर सरकार को लाखों रूपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। लेकिन अधिकारी हैं कि इस ओर से आखें ही मुंदे बैठे हैं। इस बारे में संबंधित निगम अधिकारी/एसडीओ पदमभूषण का कहना है कि उन्होंने उक्त निर्माणकर्ता को नोटिस दिया हुआ है और उन्होंने कुछ दिन पहले उसकी चौथी मंजिल को कॉलम भी तोड़ा था। साथ ही उनका यह भी कहना था बुधवार को एक्सईएन दीपक किंगर ने भी उक्त अवैध निर्माण की शटरिंग तोड़ी है। जबकि वास्तविकता यह है कि मौके पर अवैध निर्माणकर्ता द्वारा जोर-शोर से आज ही अभी भी लैंटर डाला जा रहा है जोकि निगम अधिकारियों की कार्यशैली को दर्शाता है। मजेदार बात तो यह है कि इस अवैध की जानकारी नगर निगम कमिश्रर को भी है, बावजूद इसके जिस तरह से सरकार को लाखों रूपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाकर यह अवैध निर्माण हो रहा है उससे लगता है कि कहीं न कहीं दाल में जरूर काला है और इस मामले में निगमायुक्त को शायद अंधेरे में रखा जा रहा है। मार्किट में चर्चा है कि सरकारी राजस्व को नुकसान होने देने तथा बिना सीएलयू के इस कॉमर्शियल अवैध निर्माण को होने देने के लिए एक मोटी डील अवैध निर्माणकर्ता और निगम अधिकारियों में हुई है।
2. सैक्टर-10 डीएलएफ स्थित जे-141:-
निगम के अधिकारियों ने हाऊसिंग बोर्ड में सैक्टर-9-10 डिवाडिंग रोड़ पर बन रही अवैध बेसमेंट के एक हिस्से पर तो दो दिन पहले खानापूर्ति करते हुए जेसीबी का पंजा चला दिया लेकिन उन्हें सैक्टर-10 डीएलएफ स्थित जे-141 का वो अवैध कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स नजर नहीं आया जहां धड़ाधड़ तेजी से अवैध निर्माण चल रहा है वो भी बिना किसी हरे पर्दे या छिपाव के। बेसमेंट बनने के यहां फस्र्ट फ्लोर का एक लेंटर भी डल चुका है। इस अवैध निर्माण को लेकर जब संबंधित निगम अधिकारी एसडीओ ओ.पी. मोर से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने गोयल नामक निर्माणकर्ता को बुलाकर निर्माण रूकवा दिया है जबकि यहां भी वास्तविकता यह है कि उक्त प्लॉट पर जोर-शोर से अवैध निर्माण चल रहा है और उसको रोकने वाला कोई नही है बावजूद इसके कि यह मामला भी निगमायुक्त की नजर में हैं।
काबिलेगौर रहे कि जैसे देखने में आता रहा है कि निगम अधिकारियों द्वारा सिर्फ उन्हीं अवैध निर्माणों पर हथौड़ा या जे.सी.बी चलाई जाती है जहां से उनकी तिजोरियां नहीं भरी जाती और बाकियों को उपरोक्त की तरह खुलेआम बनने दिया जाता है। इससे कहीं ना कहीं निगमायुक्त की छवि खराब होती है जिन्होंने अवैध निर्माणों के खिलाफ जंग छेड़ रखी है।
अब देखना यह है कि निगमायुक्त के विदेश में होने के चलते निगम क्षेत्र में कौन-कौन से अवैध निर्माण होते हैं या फिर निगमायुक्त विदेश में होने के बावजूद भी इन अवैध निर्माणों पर नजर रखकर इनको विदेश से ही तोडऩे के निर्देश जारी करते हैं। -क्रमश:

1. एनआईटी का एनएच-5डब्ल्यूएच/31-32:-

सैक्टर-10 डीएलएफ स्थित जे-141:-

 


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