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लैंगिक समानता को लेकर खुलकर बात करने की आवश्यकता: कुलपति प्रो० दिनेश कुमार

मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 26 अक्टूबर: लैंगिक समानता के प्रति विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को संवेदनशील करने तथा कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ से रोकथाम के उपायों के प्रति जागरूकता लाने के उद्वेश्य से जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए फरीदाबाद द्वारा लैंगिक समानता एवं विविधता विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में सशस्त्र सीमा बल, दिल्ली की 25वीं बटालियन में कमांडेंट डॉ० सुवर्णना सजवान मुख्य अतिथि रही। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो० दिनेश कुमार द्वारा की गई। सत्र को हरियाणा राज्य महिला आयोग की सदस्य रेणू भाटिया, आल इंडिया रेडिया में रेडियो जॉकी शबनम तथा एसआरपीएम की अध्यक्ष ध्वनि जैन ने भी संबोधित किया।
इससे पूर्व बोलते हुए कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने कहा कि लैंगिक समानता एक ऐसा संवेदनशील विषय है, जिस पर समाज में पुरानी धारणाओं पीछे छोड़कर खुलकर बातचीत की आवश्यकता है। तभी समाज में समरसता आयेगी।
इस मौके पर दीप प्रज्वलन से प्रारंभ हुए सत्र को संबोधित करते हुए डॉ० सुवर्णना सजवान ने विद्यार्थियों को यौन उत्पीडऩ के प्रति जागरूक किया तथा विभिन्न संस्थानों में महिला यौन उत्पीडऩ प्रकोष्ठ की स्थापना, जिम्मेदारी एवं कार्यप्रणाली से अवगत करवाया। उन्होंने कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीडऩ रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम 2013 के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी तथा अपने अनुभव विद्यार्थियों के साथ साझे किए।
सत्र को संबोधित करते हुए राज्य महिला आयोग की सदस्य रेणू भाटिया ने चर्चा में चल रहे मीटू अभियान से अपने संबोधन की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि इस विश्व व्यापी अभियान की शुरूआत किसी भी प्रकार के मानसिक उत्पीडऩ को दूसरों के साथ साझे करने के रूप में हुई और भारत में इस अभियान ने सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया, क्योंकि इसमें यौन उत्पीडऩ को लेकर बॉलीवुड कलाकारों द्वारा खुलकर बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा कि एक महिला के लिए किसी भी प्रकार के उत्पीडऩ को लेकर खुलकर बोलने के लिए काफी साहस की जरूरत होती है चाहे वह शारीरिक हो, मानसिक या भावात्मक। उन्होंने कहा कि इस अभियान ने महिलाओं को खुलकर बोलने का अवसर दिया है और महिलाओं को किसी भी प्रकार के उत्पीडऩ के विरूद्ध खुलकर आवाज उठानी चाहिए।
कार्यशाला के अंतिम सत्र में कार्यशाला में उपस्थित वक्ताओं ने लैंगिक समानता व यौन उत्पीडऩ से संबंधित विषय पर विद्यार्थियों की शंकाओं का निवारण किया। कार्यशाला के समापन सत्र में महिला कल्याण प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ० अंजू गुप्ता ने सभी वक्ताओं का आभार जताया तथा स्मृति चिह्न भेंट किया।


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