मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 27 अक्टूबर: कार्य संस्थान पर मानसिक संतुलन प्रत्येक व्यक्तित्व, उद्यमी और कार्य कर रहे सभी श्रमिकों के लिए आवश्यक है। वास्तव में मानसिक संतुलन कार्य प्रक्रिया में सबसे उपयोगी इसलिए है क्योंकि इससे न केवल हम अपने कार्य को व्यवस्थित कर पाते हैं बल्कि एक प्रणाली विकसित होती है जो उत्पादता व गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ-साथ हमें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। यहां प्रजापति ब्रह्मकुमारी द्वारा आयोजित डिजास्टर मैनेजमेंट कम्पेन यात्रा के तहत एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि एवं डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जे.पी. मल्होत्रा ने कहा कि हमें जीवन में संतुलन बनाने के लिए तनाव से मुक्त रहना चाहिए। उन्होंने उन 10 उपायों का विवरण दिया जो कार्य, जीवन और मानसिक संतुलन के लिए आवश्यक हैं।
श्री मल्होत्रा ने कहा कि आजीवन में शांति और उपयोगिता के साथ-साथ हमें इस तथ्य पर फोक्स केंद्रित करना होगा कि हमारे पास क्या है? किसी चीज से क्या गलत हो रहा है और हम इसे कैसे व्यवस्थित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ करना, सभी के लिए कुछ करना और किसी को कुछ न बताना हमें इन सभी तथ्यों पर ध्यान देना होगा। जीवन आपातकाल नहीं है, इसे जीने के लिए तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग अपने जीवन को नजरअंदाज कर देते हैं, अपना सपनों को त्याग देते हैं। यदि हमें हमारे द्वारा निर्धारित लक्ष्य नहीं मिलते तो हम स्वयं को ही दु:ख देते हैं। उन्होंने कहा कि हमें एक बेहतर श्रोता बनना चाहिए।
श्री मल्होत्रा ने कहा कि हमें दूसरे पर दोषारोपण करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने से हमें मानसिक ऊर्जा मिलती है। हमारी मानसिक शक्ति का विकास होता है। यदि कोई समस्या है तो उसका हल ढूंढना चाहिए, क्योंकि कार को ठीक करने के लिए मैकेनिक के पास ले जाना पड़ता है।
श्री मल्होत्रा ने युवा वर्ग से आह्वान किया कि आज में जिएं क्योंकि बीते हुए समय की समस्या और भविष्य की चिंता हमें चिंतित, हताशा, तनाव, निराश बनाती है। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक बार अच्छे शब्द लिखने चाहिएं, उनकी उपयोगिता को समझना चाहिए। आलोचना एक बुरी आदत है, जिसे छोडऩा चाहिए। यह सोचों की आपके पास क्या है? यह नहीं कि आप क्या चाहते हैं? आपने परिवार के गुणों को देखें और आलोचना की बजाए सहयोग की भावना को अंगीकार करें।
इस अवसर पर श्री मल्होत्रा को राष्ट्रीय संयोजक भाई भारत भूषण ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया। कार्यक्रम में सुश्री रेणु भाटिया, ब्रह्मकुमारी उषा दीदी, सुभाष जगोटा, ब्रह्मकुमारी पूनम की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।
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