मैट्रो प्लस से महेश गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 29 अक्टूबर: मनोहर सरकार के चार साल के रिपोर्ट कार्ड में सरकारी स्कूलों की दशा में सुधार करने और शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगाने के संबंध में एक भी शब्द न होने से अभिभावकों में काफी रोष व नाराजगी है। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि अभिभावक भी एक वोट बैंक हैं जिसके सहारे ही हरियाणा में भाजपा की सरकार सत्तारूढ़ हुई। अब इस वोट बैंक के हित में कोई भी कार्य न करना यह दर्शाता है कि इस सरकार को अभिभावकों के वोट की जरूरत नहीं है। आगे आने वाले चुनावों में अभिभावक अपनी इस उपेक्षा का जरूर बदला लेंगे।
मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार जोशी व सचिव डॉ. मनोज शर्मा ने कहा है कि सरकार के रिपोर्ट कार्ड को अभिभावक के पास भिजवाकर सरकार की नीति व नीयत की जानकारी प्रदान की जा रही है।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने अभिभावकों से कहा है कि वे अपने क्षेत्र के सांसद, विधायक से सरकार के रिपोर्ट कार्ड में शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर सरकार की बेरूखी के बारे में चर्चा करके उनसे इस विषय पर सार्वजनिक रूप से अपना नजरिया रखने के लिए कहें और एकजुट होकर निजी स्कूलों की लूटखसौट, मनमानी व सरकार द्वारा उनको खुले तौर पर दिए जा रहे संरक्षण के खिलाफ विरोध जारी रखें।