– बहुचर्चित रेयान स्कूल हादसे के बाद भी नहीं जागा शिक्षा विभाग और प्रशासन
– एक साल बाद भी अधिकांश जिलों में नहीं गठित की गई स्कूल सुरक्षा कमेटी, स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने मामले की दी शिकायत
– प्रदेशभर के करीबन आठ हजार निजी स्कूलों में पढऩे वाले 26 लाख विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर अधिकारी नहीं हैं संजीदा
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़, 15 नवम्बर: गुरूग्राम के बहुचर्चित रेयान स्कूल हादसे को लगभग एक साल से अधिक का अर्सा बीच चुका हैं। इस हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के सभी निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल सेफ्टी कमेटी के गठन के सख्त आदेश दिए थे, मगर एक साल बीत जाने के बावजूद भी अधिकांश जिलों में अब तक स्कूल सेफ्टी को लेकर किसी भी स्तर पर कमेटी का गठन नहीं किया गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद हरियाणा स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा जिला व सब डिवीजन स्तर पर स्कूल सेफ्टी कमेटी के गठन कर बच्चों की सुरक्षा सम्बंधी अहम पहलुओं पर नई गाइडलाइन जारी कर दी थी। प्रदेश भर के करीबन 8,000 निजी स्कूलों के अंदर लगभग 26 लाख विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं, मगर इन बच्चों की सुरक्षा को लेकर सम्बंधित जिलों के जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग पूरी तरह से संजीदा नहीं हैं, यही वजह रही है कि सुप्रीम कोर्ट की सख्त हिदायतों के बावजूद भी जिला प्रशासन ने अधिकांश जिलों में जिला व सब डिवीजन स्तर पर स्कूल सेफ्टी को लेकर कोई कमेटी का गठन नहीं किया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मामले की शिकायत सुप्रीम व हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के अलावा मुख्यमंत्री को भेजी है।
रेयान स्कूल प्रकरण के दौरान खूब हुहल्ला मचने एवं स्कूल के अंदर बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए थे। इस घटनाक्रम ने बच्चों के अभिभावकों को भी पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया था। इसी संवेदनशील मसले पर सुप्रीम कोर्ट को भी स्कूल सेफ्टी को लेकर अहम फैसला देना पड़ा। इसी के बाद आनन-फानन में हरियाणा स्कूली शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को 15 सितम्बर 2017 को नई गाइडलाइन जारी कर जल्द से जल्द कमेटी गठन का आदेश दिया था। शिक्षा निदेशालय के इन आदेशों पर ना तो जिला प्रशासन ने कोई संजीदगी दिखाई और ना ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कोई कदम उठाना जरूरी समझा।
जिला स्तर कमेटी में ये अधिकारी होंगे सदस्य:-
हरियाणा स्कूली शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन में स्कूल सेफ्टी कमेटी के अंदर जिला उपायुक्त को चेयरमैन बनाया गया है, जबकि जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कमेटी के सचिव होंगे। इसी कमेटी में जिला पुलिस कप्तान, सिविल सर्जन, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी, सचिव आरटीए, जिला योजनाकार अधिकारी, बीएंडआर के कार्यकारी अभियंता, निजी स्कूल एसोसिएशन प्रतिनिधि, बाल विशेषज्ञ सदस्य के तौर पर शामिल होंगे। कमेटी में शामिल अधिकारियों की समय-समय पर बैठक कर निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा भी जांचना अनिवार्य किया गया है। छात्रों और अध्यापकों को सुरक्षा मसलों पर जागरूक करना, कैम्पस सुरक्षा की दृष्टि से आयोजन करना और किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए समय-समय पर जरूरी निर्देश देना भी कार्य योजना में शामिल किया गया है।
ये है डिवीजनल स्तर पर कमेटी की गाइडलाइन:-
सब डिवीजन स्तर पर गठित स्कूल सेफ्टी कमेटी के अंदर सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट चेयरमैन होगा जबकि उप-पुलिस अधीक्षक, बीडीपीओ, बीईओ, आरटीए प्रतिनिधि, निजी स्कूल प्रतिनिधि, पैरेंटस एसोसिएशन सदस्य शामिल किए गए हैं। ये कमेटी सदस्य प्रत्येक निजी स्कूल में बच्चों की सेफ्टी के मापदंडों की जांच करेंगे। ये कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट जिला स्तरीय कमेटी को सौंपेंगी। इतना ही नहीं प्रत्येक निजी स्कूल को अपने डिस्पले बोर्ड पर एसडीएम, डीईओ, बीईओ व थाना क्षेत्र के एसएचओ का मोबाइल नम्बर भी दर्शाना अनिवार्य किया गया है। इस कमेटी द्वारा निजी स्कूलों के अंदर गठित सेफ्टी कमेटी को समय समय पर सुरक्षा गाइडलाइन संबंधी निर्देश जारी किए जाएंगे।
कैसे करें बच्चों की सुरक्षा सम्बंधी मसलों में शिकायत:-
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि कोई भी अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर निजी स्कूलों के खिलाफ एसडीएम, डीईओ, बीईओ व थाना क्षेत्र के एसएचओ को शिकायत दे सकता है, जबकि जिला स्तरीय कमेटी के अधिकारियों के समक्ष भी अभिभावक शिकायत दे सकते हैं। अभिभावक अपनी शिकायत सादे कागज पर लिखकर भी दे सकता है। इसके अलावा कोई अन्य व्यक्ति या संगठन भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर सेफ्टी कमेटी के समक्ष शिकायत दे सकता है।
दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दी है शिकायत: बृजपाल परमार
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार, संगठन के महासचिव भारतभूषण बंसल व पंचकुला के जिला अध्यक्ष सलाउदीन ने बताया कि रेयान स्कूल प्रकरण के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद भिवानी के अंदर पिछले एक साल से कोई भी स्कूल सेफ्टी कमेटी नहीं बनाई गई। इस सम्बंध में संगठन द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के समक्ष शिकायत भेजकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। शिकायत में यह भी मांग की है कि जल्द से जल्द निजी स्कूलों के अंदर बच्चों की सुरक्षा के लिए जिला व सब डिवीजन स्तर पर सेफ्टी कमेटी गठित की जाए। बृजपाल परमार ने बताया कि 14 नवम्बर को राज्य सूचना आयोग ने भी इस सम्बंध में सुनवाई के दौरान शिक्षा अधिकारियों को अब तक स्कूल सेफ्टी कमेटी गठित नहीं किए जाने के सम्बंध में लताड़ लगाई और सूचना देने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना करने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। एक साल बाद भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में बच्चों की स्कूलों के अंदर सुरक्षा को लेकर मापदंड पुख्ता नहीं है, जब भी कोई स्कूलों में बच्चों के साथ कोई हादसा होता है, तब ही प्रशासन की नींद टूटती है और कदम उठाए जाते हैं।