मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता/चंदन प्रकाश की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 22 नवम्बर: एनएच-3 स्थित डीएवी शताब्दी कालेज की प्रेसिडेंट भावना मिश्रा की सुझबुझ के चलते कॉलेज के 200 से भी ज्यादा उन छात्रों को भविष्य अंधकारमय होने से बच गया जिनके रोल नंबर कॉलेज प्रबंधन ने उनकी हाजिरी पूरी ना होने के कारण रोक लिए थे और उनको परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया। कालेज प्रेसिडेंट भावना मिश्रा ने छात्रों के हितों को देखते हुए इस मामले में हस्तक्षेप कर कॉलेज प्रबंधन से बातचीत कर छात्रों के रोल नंबर रिलीज करवाकर उनको परीक्षाओं में बैठने की इजाजत दिलवाई। साथ ही भावना मिश्रा ने कॉलेज प्रबंधन को भी आश्वस्त किया कि छात्र भविष्य में नियमित रूप से कॉलेज आकर अपनी कक्षाओं में अपनी हाजिरी को पूरा करेंगे। इसी के साथ कॉलेज में दो दिनों से छात्रों और कॉलेज प्रबंधन के बीच चल रहा विवाद शांतिपूर्वक समाप्त हो गया जिसका श्रेय कालेज प्रेसिडेंट भावना मिश्रा को जाता है।
काबिलेगौर रहे कि डीएवी कालेज प्रशासन ने इस बार परीक्षाओं में कड़ा रूख अख्तियार करते हुए 200 से भी ज्यादा उन छात्रों को जो नियमित रूप से कालेज नहीं आ रहे थे और जिनकी हाजिरी सीमा से कम थी, का रोल नम्बर रोक कर परीक्षाओं में बैठने नहीं दिया था। इस मामले में बुधवार को कॉलेज प्रबंधन और छात्रों में हुई बातचीत का भी कोई उचित हल नहीं निकल पाया था। वहीं कुछ बाहरी तत्वों नें अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए कॉलेज के माहौल को बिगाडऩे का प्रयत्न भी किया था जिसमें पुलिस को छात्रों पर लाठीचार्ज तक करना पड़ गया था।
दो दिन चली इस खींचतान में कालेज प्रेसिडेंट भावना सहित नव-निर्वाचित विद्यार्थी परिषद् के कार्यकारिणी सदस्यों ज्योति, काजल, दीपक, सोनू, प्रिंस और विशाल ने अहम् भूमिका निभाई और प्रिंसिपल से अपील की कि एकाएक कड़ा रूख लेने से सभी छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जायेगा। वहीं विद्यार्थियों ने भी कालेज प्रबंधन को यह आश्वासन दिया कि भविष्य में वे नियमानुसार कालेज आयेंगे। इसके बाद कालेज प्रशासन नें छात्रों को रोल नंबर देकर परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी।
कालेज प्रेसिडेंट भावना मिश्रा ने बताया कि कि कालेज प्रबंधन ने हमेशा ही छात्र हितों में फैसले लिए हैं। लेकिन ऐसे कड़े फैसले छात्रों का भविष्य बिगाड़ सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से यह भी अपील की कि वे आने वाले साल में अपनी हाजिरी को ठीक करें ताकि ऐसी समस्याएं दोबारा न आयें। उन्होंने प्रिंसिपल सतीश आहूजा का भी उनके इस सहयोग के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसे मुद्दों को शांतिपूर्वक निपटाना ही उचित है।