मैट्रो प्लस से महेश गुप्ता रिपोर्ट
फरीदाबाद, 27 नवम्बर: मानव रचना यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ लॉ में 69वां कानून दिवस मनाया गया। इस दौरान कानूनी पेशे में आने वाली चुनौतियों, मिथ और वास्तविकताओं पर विचार विमर्श किया गया। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जस्टिस बीडी अहमद ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया और मद्रास हाईकोर्ट वरिष्ठ वकील अरविंद पी०दातार ने छात्रों को संबोधित किया।
इस मौके पर जस्टिस बीडी अहमद ने कानून और न्याय के बीच द्विपक्षीयता को समझाय और इस बात को भविष्य में आने वाले वकीलों को समझाया कि वह हमेशा न्याय प्राप्त करने की दिशा में प्रयास करें। उन्होंने छात्रों को बेंजामिन फ्रैंकलिन के कथन Justice Will Not Be Served Until Those Unaffected Are As Outraged As Those Who Are का उदाहरण भी दिया। उन्होंने क्रिमिनल किसेस का उदाहरण देते हुए छात्रों को बताया कि अधिकतर क्रिमिनल केसिस में चश्मदीद गवाह कम होते हैं, लेकिन ऐसे केसिस में साइंटिफिक टेस्ट्स काम आते हैं।
इस दौरान अरविंद पी० दातार ने कानूनी दिग्गजों की यात्रा के साथ-साथ छात्रों को टार्गेट सेटिंग, 10000 घंटे का पूर्ण अभ्यास और लैंग्वेज सेटिंग के उदाहरण दिए।
कार्यक्रम में मानव रचना यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ० संजय श्रीवास्तव, पीवीसी डॉ० मिनाक्षी खुराना, संगीता बांगा, लॉ डिपार्टमेंट के प्रोफेसर जोस वर्घीस, एचओडी वर्षा वाहिनी, शशांक गर्ग समेत सभी फैकल्टी मेंबर्स मौजूद रहे।
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