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विपुल गोयल व्यापारियों से कंबल मांग गरीबों को बांटकर स्वयं को महिमामंडित कर आखिर क्या साबित करना चाहते है?

– कहीं पे निगाहें, कहीं पर निशाना ..क्या अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर है विपुल गोयल की?

– उद्योगमंत्री विपुल गोयल धनाढय़ वर्ग की रकम से अपनी महिमा का बखान कर आखिर भाजपा संगठन के सामने क्या साबित करना चाहते हैं?
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 20 जनवरी: अंधा बांटे रेवड़ी, बस अपने-अपने को दे। यह कहावत आज उद्योगमंत्री विपुल गोयल के कंबल वितरण समारोह में चरितार्थ होती देखने को मिली। उद्योगमंत्री विपुल गोयल ने कंबल वितरण कर जहां पुण्य का काम तो किया वहीं उन गरीब लोगों की हाय भी ले ली जिन्हें घंटों लाईन में लगने के बाद भी एक कंबल तक नसीब नहीं हो पाया। कार्यक्रम में जहां एक-एक आदमी 20-20 कंबल लेकर जाता हुआ नजर आया तो वहां ऐसे भी लोग नजर आए जोकि अपने बेलदारी/काम छोड़कर और जेब से भाड़ा/किराया लगाकर कंबल लेने की आस में आए और उन्हें कंबल नहीं मिले। कार्यक्रम में अव्यवस्था का आलम यह था कि जिन लोगों पर पर्चियां थी, उन्हें तो कंबल नहीं मिल पाए थे जबकि बिना पर्ची के लोग अपनी-अपनी कालोनियों के नेताओं की सिफारिश पर एक की बजाए कई-कई कंबल ले जाते दिखाई दिए। यह हाल तो तब था जब एक-एक काऊंटर पर 500-500 कंबल बांटने के हिसाब से विपुल गोयल द्वारा पर्चियां कालोनियों में पहले से ही वितरित करवा दी गई थी। फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संतनगर, ए.सी.नगर, मिल्हाड़ कालोनी, राम नगर आदि से आए ना जाने ऐसे कितने गरीब/जरूरतमंद लोग थे जोकि बिना कंबल लिए मंत्री विपुल गोयल को कोसते हुए वापिस जाते नजर आए। वहीं ऐसे लोग यह भी कहते सुने गए कि वो अब विपुल को कभी वोट नहीं देंगे। कंबल के लिए घंटों लाईन में लगने वाले लोगों में बच्चे, बुजुर्ग व महिलाएं भी शामिल थीं। कार्यक्रम स्थल पर मजेदार बात तो यह देखने को मिली कि गरीब/जरूरतमंद लोगों के लिए आए कंबलों को कई भाजपा कार्यकर्ता तथा पुलिसकर्मी भी अपने हाथों में ले जाते नजर आए। वहीं इंदिरा कालोनी से आया एक बुजुर्ग तो दर्जभर से ज्यादा कंबलों का गठ्ठर बांधकर ले जाता नजर आया।
गौरतलब रहे कि हरियाणा के सबसे धनाढय़ विधायक बताए जाने वाले विपुल गोयल जोकि प्रदेश के उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री भी हैं, द्वारा आज एक बार फिर भाजपा संगठन को अपना रूतबा/वर्चस्व दिखाने के लिए कंबल वितरण का आयोजन किया गया। संभवत: देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाई गई दीनदयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई) के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। विपुल गोयल द्वारा आयोजित किए गए इस कंबल वितरण समारोह में बजाए अपने या सरकारी पैसे से कंबल बांटने के मंत्री महोदय ने जिस प्रकार से शहर के उद्योगपतियों, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं, एनजीओ व व्यापारी वर्ग से कंबल मांगकर उन्हें गरीबों को बांटने के नाम पर मंत्री महोदय द्वारा अपने आपको महिमामंडित किया गया, वह जिलेभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
आरोप है कि समारोह स्थल पर लगाए गए विशालकाय पंडाल व खाने के खर्चे की भरपाई के लिए उद्योगपतियों से अपने मंत्रालय का डर दिखाकर जबरन उगाही की गई। कार्यक्रम को देखकर ऐसा लग रहा था कि जितने पैसे के कंबल नहीं आए उससे कहीं ज्यादा तो कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार, आयोजन और दिखावे के नाम पर आयोजकों द्वारा बर्बाद कर दिए गए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं हरियाणा भाजपा के प्रभारी राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल जैन के सामने अपना वर्चस्व दिखाने के लिए विधानसभा क्षेत्र की स्लम बस्तियों व कालोनियों से बच्चे, बुजुर्ग व महिलाओं सहित गरीब लोगों को कंबल देने के नाम पर प्राईवेट बसों में भर-भरकर समारोह स्थल तक लाया गया था। कार्यक्रम स्थल पर कई छोटे-छोटे बच्चे तो भीड़ में अपने मां-बाप से बिछुड़कर उन्हें ढुंढते नजर आए।
कंबल वितरण कार्यक्रम को देखकर ऐसा लग रहा था कि शायद प्रदेश के उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल अपने आपको हरियाणा भाजपा के प्रभारी राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल जैन के सामने भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हों। शहर के कई उद्योगपतियों ने दबी जबान में इसे स्वीकारा भी।
सैक्टर-12 में इंडियन ऑयल के सामने आयोजित किए गए इस कंबल वितरण समारोह के पंडाल में गरीब व जरूरतंद लोगों को कंबल बांटने के लिए बनाए गए 40 काऊंटरों पर सिर्फ और सिर्फ विपुल गोयल ने अपनी बड़ी-बड़ी फोटो व अपने नवचेतना ट्रस्ट का नाम लिखकर अपने आपको महिमामंडित किया हुआ था। इन बोर्डो पर कहीं भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की फोटो नहीं थी। हां, दिखावेभर के लिए पंडाल में बनाए गए बैकड्राप/बोर्ड पर जरूर इनकी छोटी-छोटी फोटो लगी थी जोकि गौर से देखने पर ही नजर आ रही थी।
किन-किन संगठनों ने लगाए कंबलों के काऊंटर:-
उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री द्वारा जिन-जिन से कंबल वितरण के 40 काऊंटर/बूथ लगवाए गए उनमें ये प्रतिष्ठान शामिल थे। इनमें से कई से तो दो-दो काऊंटर/बूथ लगवाए गए थे।
बूथ नंबर 1. डी पाईपिंग सिस्टम 2. स्लेज हेमर फाऊंडेशन 3. माहेश्वरी मंडल 4. आरडब्ल्यूए सैक्टर-15 फरीदाबाद 5.ओसवाल ग्रुप 6. एशिसन वॉयर फोर्मिग एंड स्प्रिंग 7. रावल एजुकेशनल सोसायटी 8. आरएस फाऊंडेशन ट्रस्ट (मानव विकास सेवा ट्रस्ट) 9. आरएस फाऊंडेशन ट्रस्ट 10. ड्राईव वैल इंडस्ट्रीज 11. इनफिनिटी एडवरटाईंजग 12. आर.एस.पी बिल्ड इंफ्रा 13. सी.दास ग्रुप 14. ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स 15. इंडियन सिक्योरिटी सर्विसेस 16 से 20 बिना नाम के 21. मानव रचना 22. आर.के कंस्ट्रक्शन 23. सुपर स्क्रुस प्रा. लिमिटेड 24. महारानी पेंट्स प्रा. लिमिटेड 25. Psychotropics Limited 26. शिवालिक Prints लिमिटेड 27. लखानी अरमान ग्रुप 28. सिद्वदाता आश्रम 29. व्यापार मंडल बल्लभगढ़ 30. मानव सेवस समिति 31. के.एस.टी. ग्रुप 32. अग्रवाल सेवा सदन ओल्ड फरीदाबाद 33. वैश्य समन्वय समिति 34. वैश्य अग्रवाल समाज 35.अग्रवाल सेवा सदन ओल्ड फरीदाबाद 36. वैश्य समाज एनआईटी फरीदाबाद 37. होटल डिलाईट 38. डिलाईट ग्रेंड होटल 39. वीजी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रिज 40. शिवालिक प्रिंट्स
आरोप है कि इससे पहले भी विपुल गोयल ने अपनी नवचेतना ट्रस्ट के बैनर तले जितने भी इस तरह के कार्यक्रम किए है उनको भी शहर के उद्योगपतियों/धनाढय़ वर्ग से मोटी-मोटी रकम लेकर किए हंै। चाहे वह टाऊन पार्क में लगा देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय तिरंगा हो जिसे कि मानव रचना ने लगाया, दो लाख पौधे लगाने का कीर्तिमान हो, डिजीटल रैली हो, उद्योगपति सुनील गुलाटी के खर्चे से सैक्टर-12 के ही टाऊन पार्क में लगवाई गई Flower Watch हो या फिर आज का कंबल वितरण समारोह। इन सब कामों को करने के पीछे विपुल गोयल की मंशा अपने आपको एक कद्दावर नेता के रूप में भाजपा संगठन के सामने प्रोजेक्ट कर अपने आपकी महिमामंडित करना रहा है जिसके पीछे उनकी कोई दूरगामी सोच नजर आती है।


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