बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना के रूप में देखे जाते हैं सुरेन्द्रपाल
नवीन गुप्ता फरीदाबाद: बॉलीवुड के महानायक यानि अमिताभ बच्चन की भारी-भरकम आवाज़ और मशहूर फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना के व्यक्तित्व/कद-काठी को यदि जोड़कर देखा जाए तो फिल्म इंडस्ट्री में एक ही चेहरा नजर आता है और वो चेहरा है सुरेन्द्रपाल का। वो बात अलग है कि एक भारी-भरकम आवाज़ और मजबूत कद-काठी वाला यह व्यक्ति जैसे ही फिल्म मासूम को देखता है वैसे ही उनकी आंखों से आंसू निकलने लगते है और वह रोने लगता है। यह हम नहीं कह रहे है बल्कि यह खुलासा स्वयं सुरेन्द्रपाल नाम की इस शख्सियत ने मैट्रो प्लस से एक खास मुलाकात में किया।
सुरेन्द्रपाल यहां फरीदाबाद शहर के प्रमुख युवा समाजसेवी एवं बिल्डर गोपाल कुकरेजा के निवास पर डिनर पर आए हुए थे। इस अवसर पर श्री कुकरेजा के परम मित्र एवं उनके पार्टनर अनुज ढंग, प्रयास नामक सामाजिक संस्था के प्रधान जगत मदान भी विशेष तौर पर मौजूद थे।
पांडवों के गुरू द्रोणाचार्य को आज कौन नहीं जानता-पहचानता। बहुचर्चित धार्मिक सीरियल महाभारत में गुरू द्रोणाचार्य की भूमिका निभाकर इंडियन फिल्म और टीवी एक्टर के रूप में सन् 1983 से अपने करियर की शुरूआत करने वाले सुरेंंद्रपाल का चेहरा आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है।
लखनऊ की सर-जमीं पर 25 सितम्बर,1953 को जन्मेंं लंबी कद-काठी वाले सुरेन्द्रपाल ने पहले तो सन् 1988 में बहुचर्चित धार्मिक सीरियल महाभारत में पांडवों के गुरू द्रोणाचार्य का किरदार निभाकर और अब देवों का देव महादेव नामक चर्चित सीरियल में पार्वती के पिता ब्रह्मपुत्र प्रजापति दक्ष का बेहतरीन रोल निभाकर आज देश-विदेश में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी हुई है।
हाल-फिलहाल सुरेन्द्रपाल देवों का देव महादेव के अलावा महाराणा प्रताप में राजा मालदेव सिंह तथा भंवर में एक नामी-गिरामी वकील की भूमिका निभा रहे हैं। शायद यही कारण है कि सन् 1983 में कॉमेडी किंग कादर खान द्वारा निर्देशित फिल्म शमां में शबाना आजमी के साथ हीरो की भूमिका निभाकर फिल्म जगत में तथा सन् 1988 में टीवी सीरियलों के द्वारा पर्दापण करने वाले सुरेन्द्रपाल आज मॉल, एयरपोर्ट या किसी सार्वजनिक स्थान पर जहां भी जाते है तो वहां लोगों का हुजूम उन्हें देखते ही उनके पैर छूने को दौड़ पड़ता है।
देवों का देव महादेव तो वह सीरियल है जोकि तमिल, तेलेगु, कन्नड़, भोजपुरी आदि हिन्दुस्तान की सभी भाषाओं में डब होकर पूरे देशभर के अन्दर देखा जा रहा हैं। सन् 1983 से फिल्म जगत में कदम रख बात-बात में फिल्मी डॉयलाग बोलने के आदी हो चुके सुरेंद्रपाल अब तक करीब 3 दर्जन फिल्मों तथा करीब 2 दर्जन नामी-गिरामी सीरियलों में काम कर चुके हैं।
पिछले 25 सालों से अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाते आ रहे लोहे की कद-काठी वाले सुरेंद्रपाल का दिल उनके व्यक्तित्व से एकदम उलट मासूम बच्चों के कोमल दिल के तरह है जोकि मासूम फिल्म को देखकर ही रोने लगते हैं। सन् 1988 में महाभारत से छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरूआत करने वाला सुरेन्द्रपाल आज फिल्म इंडस्ट्री में एक चमकते हुए सितारे बन चुके है।
फिल्म इंडस्ट्री के अन्दर किसी कलाकार को मिलने वाला ऐसा कोई अवार्ड नहीं है जोकि सुरेन्द्रपाल की झोली में आकर न गिरा हो, चाहे वह हीरो-होंडा का हो या फिर स्टार प्लस व जी- सिनेमा का। सारे के सारे अवार्ड्स से सुरेन्द्रपाल को नवाजा जा चुका है। बकौल सुरेन्द्रपाल उनकी रियल लाईफ में जो भी घटनाएं घटी हैं वह फिल्मी पर्दे की वजह से ही घटी हैं।
वहीं दूसरी तरफ यदि हम सुरेंद्रपाल की बात करें तो उनकी अब तक उन्होंने जो भी फिल्में देखी हैं उनमें उनकी पसंदीदा फिल्म मदर इंडिया है। बातों-बातों में सुरेंद्रपाल ने अपनी पसंदीदा फिल्मों के बारे में जिक्र करते हुए बताते हैं कि मासूम एक ऐसी फिल्म है जिसको वो आज भी देखते हैं और उस फिल्म को देखते ही उन्हें रोना आ जाता है।
सुरेंद्रपाल ने सन् 1983 से 2014 जिन फिल्मों में काम किया है उनमें अमिताभ बच्चन व बॉबी देओल वाली फिल्म खुदा गवाह के अलावा तुम्हारे हवाले वतन साथियों, जोधा-अकबर, तेरी मेरी कहानी विशेष तौर पर शामिल है। इनमें से जोधा-अकबर में तो सुरेन्द्रपाल ने चितौडग़ढ़ के राजा उदय सिंह तथा प्रियंका चोपड़ा और शाहिद कपूर की फिल्म तेरे मेरी कहानी में सुरेन्द्रपाल ने प्रियंका चोपड़ा के पिता की भूमिका निभाई थी।
इसके अलावा सुरेन्द्रपाल ने जिन फिल्मों में काम किया उनमें गृहस्थी, मंजिल-मंजिल, पापी संसार, मां कसम, एक नया रिश्ता, आखिरी निश्चय, विष कन्या, खुदा गवाह, प्लेटफॉर्म, वीरगति, पांडव, रिटर्न ऑफ ज्वैल थीफ, जज-मुजरिम, हफ्ता-वसूली, महारानी, धूंध: द फॉग, बर्दाश्त, लक्ष्य, असीमा, असल तथा गुर्जर आन्दोलन आदि प्रमुख हैं। यहीं नहीं सुरेन्द्रपाल ने फिल्म अभिनेता सन्नी देओल के साथ ‘जो बोले सो-निहाल तथा तथा ‘इंडियन फिल्म में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।
और यदि हम बात करें टीवी सीरियल की तो सुरेन्द्रपाल ने सन् 1988 से अब तक जिन टीवी सीरियलों में काम किया है उनमें महाभारत, चाणक्य, शक्तिमान, चंद्रकांता, जी हारॅर शौ, विष्णु पुराण तथा शगुन के अलावा अमानत, सीआईडी, उर्मिला कुंति, मर्यादा, कुमकुम, लेफ्ट राईट लेफ्ट, संतान, वो रहने वाली महलों की, बाबूल का आंगन छूटे ना, रामायण, छोटी बहू, लव यू जिंदगी, दीया और बाती हम, महाराणा प्रताप, देवोंं का देव महादेव आदि प्रमुख हैं।
यहीं नहीं, सुरेंंद्रपाल अब प्रोड्यूसर के रूप में भी जाने-पहचाने लगे हैं। सन् 2007 में एक प्रोडक्शन कंपनी बनाकर उन्होंने भोजपुरी फिल्मों के क्षेत्र में कदम रखते हुए ‘ऐसे प्यार से देखबू ते प्यार हो जाएÓ नामक भोजपुरी फिल्म भी बनाई है। सुरेन्द्रपाल करीब 15 भोजपुरी फिल्मों में भी काम कर रहे हैं।