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फरीदाबाद में पहली बार देश की 31 महिला विभूतियां भारतीय महिला गौरव अवार्ड से सम्मानित हुई

नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 9 मार्च: पंजाबी फैडरेशन फरीदाबाद के बेटी बचाओ अभियान के तहत फैडरेशन द्वारा विश्व महिला दिवस पर देश की 31 महान महिला विभूतियों को भारतीय महिला गौरव अवार्ड से नवाजा गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व पार्षद धनेश अदलक्खा थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता फैडरेशन के प्रधान वासदेव अरोड़ा ने की। विशिष्ठ अतिथि के तौर पर सुमित गौड़, आईसी सिघंल, आरडी शर्मा, परमजीत चावला, लाजपत राय खरबंदा, लाजपत राय लज्जी,अनिल आर्या आदि मौजूद थे। मंच संचालन अनिल बेताब ने किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि धनेश अदलक्खा ने कहा कि पंजाबी फैडरेशन जोकि पिछले कुछ बर्षों से समाज की कुरीतियों को दूर करने का प्रयास कर रही है और आज देश की महिला विभूतियों को सम्मान दे रही है, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इन्हीं के प्रयासों से आज देश की वह महान महिलायें फरीदाबाद की धरती पर आई हैं, वह फरीदाबाद के लिये गर्व की बात है ।
इस अवसर पर वासदेव अरोड़ा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमको गर्व है कि फरीदाबाद में देश के कोने-कोने से 31 महान महिला विभूतियां को सम्मान करने का मौका पंजाबी फैडरेशन को मिला। उन्होंने कहा कि हमारे पास करीब 200 महिलाओं के पत्र इस अवार्ड के लिये आये जिसमें से 31 विभूतियों को चुनना आसान काम नही था।
फैडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक हरीश चन्द्र आज़ाद ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि वैसे तो मातृ दिवस, महिला दिवस या बेटी दिवस बाहर के देशों की संस्कृति है क्योंकि हमारे देश में तो महिलाओं को भगवान का दर्जा देते हुए रोज़ पूजा जाता है। यह संस्कृति तो उन देशों के लिये है जहां मां या महिलाओं को पूजने के लिये इस तरह की संस्कृति का प्रचलन किया गया फिर भी हम लोगों ने महिला दिवस को अपने देश की संस्कृति के अंदाज़ में मनाते हुए देश की उन महान महिला विभूतियों को भारतीय महिला गौरव अवार्ड से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह वह महान विभूतियां हैं जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में महान कार्य करके देश, समाज ओर अपने वंश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि हम इस तरह के अवार्ड के ज़रिये समाज को यह संदेश देना चाहते हैं कि हमारे देश कि बेटियां अभिशाप नहीं वरदान है, जो देश के साथ-साथ वंश को भी रोशन करती हैं इसलिए वंश चलाने का यह भ्रम हमको तोडऩा होगा कि बेटों से वंश चलता है।
फैडरेशन के इस कार्यक्रम में जिन महिलाओं को अवार्ड से नवाजा गया उनमें गुडगावां से सुनील डबास, संगीता बहल, दीपा अंतिल और अर्पणा सिंह, देहली से शालीनी एजम, आरती मक्कड़, हेमलता, रीटा राय, अचला मनोचा, भावना शर्मा, कमला आज़मी, निधी गुप्ता, पूनम माटीया, पुनीत चंदा, रूबी यादव, चंचल, बीकानेर से आशा शर्मा, फरीदाबाद से रेखा शर्मा, कोपल बिन्द्रा, रोज़ी पडिंता, पुनम सिनसिनवार, फतेहाबाद से ऊषा तनेजा, झांसी से सृष्टि सिन्हा, कैथल से रेनू पांचाल माधवी, करनाल से रिचा और दीपा भार्गव, लखनऊ से निशी रस्तोगी और श्वेता रस्तोगी, महेन्द्रगढ़ से कृष्णा कुमारी आर्या, मुम्बई से विजया लक्ष्मी मिश्रा और रोहतक से अखलेश शामिल थी।
इस रंगारंग कार्यक्रम में हल्ला बोल टीम और सनवरी बैंड ने बेटी बचाओ का संदेश देते हुए लोगों का मन जीता ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महेश पाहूजा, तिलकराज शर्मा, जगजीत कौर, पुनम कौशिक, अंशिका जैन, सुमन बक्शी, सुमन रेखा, रेनू राजन भाटिया, शीतल लूथरा, शालीनी मेहता, सुमन भाटीया, अपिन्द्र कौर, चित्रा नैन, मीनाक्षी चानना, हितेष आर्या, डिंपल मल्होत्रा, हरविन्द्र सोनी, दीपक छाबड़ा, राजकुमार खत्री, राकेश मदान, नरेश भटेजा, ब्रिजेश कुमार आदि ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


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