मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
फरीदाबाद, 23 मार्च: राजनीति के भी खेल एकदम निराले हैं। मुंह पर कुछ, दिल में कुछ। कल भी कुछ ऐसा ही हुआ। मौका था हरियाणा कांग्रेस कार्डिनेटर कमेटी के सदस्य एवं पूर्व मंत्री महेेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह द्वारा बुलाई गई पार्टी की बैठक का। एजेंडा था कांग्रेस की प्रदेश स्तरीय रथ यात्रा का रूट तय करना जिसका आगाज आगामी 26 मार्च को फरीदाबाद से होना था। वो बात अलग है कि कांग्रेसियों की आपसी गुटबाजी/चौधराहट के चलते कल देर शाम ही इसका रूट फरीदाबाद से बदलकर गुरूग्राम कर दिया गया। बहाना था कि चूंकि यह बस फरीदाबाद से नारनौल उसी दिन पहुंचनी है और बीच की दूरी 190 किलोमीटर बैठती है इसलिए यह संभव नहीं हैं। इसलिए अब यह बस रथयात्रा के अंतिम दिन 31 मार्च को फरीदाबाद पहुंचेगी और तिगांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक ललित नागर के सौजन्य से तिगांव में आयोजित जनसभा में भाग लेने के बाद बाकी स्थानों पर जाएगी।
दरअसल इसके पीछे राजनीति यह बताई जा रही है कि चंद वो कांग्रेसी जिन्होंने महेन्द्र प्रताप द्वारा बुलाई बैठक में हिस्सा नहीं लिया, नहीं चाहते कि चौ.महेन्द्र प्रताप सिंह रथयात्रा के बलबुते पर चौधरी बनकर फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से टिकट के प्रबल दावेदार बनें इसलिए उन्होंने यात्रा के रूट में एकाएक बदलाव कराकर अपनी ऊंची पहुंच को दिखा दिया। बैठक में शामिल ना होने वालों में तिगांव से विधायक ललित नागर जोकि लोकसभा टिकट के दावेदार भी हैं और जिनके भाई महेश नागर की नजदीकियां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा राबर्ट वाढरा से जगजाहिर हैं, सहित पूर्व मुख्य संसदीय सचिव शारदा राठौर और पूर्व राज्यमंत्री शिवचरण लाल शर्मा के तीनों पुत्र विशेष तौर पर शामिल हैं। इस रथ यात्रा का महत्व इसलिए भी ज्यादा था क्योंकि इस रथ यात्रा के तहत एक बस में प्रदेश के वो सभी दिग्गज कांग्रेसी नेता सवार होंगे जोकि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 16 सदस्यीय कार्डिनेटर कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं जिनकी टिकट बंटवारे में महत्वपूर्ण होगी। चर्चा है कि इस रथयात्रा का रूट बदलवाने में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा ने भी अपनी अह्म भूमिका निभाई है जोकि टिकट के उस दावेदार का साथ देकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं जिस विधायक के भाई की नजदीकियां गांधी परिवार से हैं। इस बात में किमनी सच्चाई है ये तो वो ही जाने।
अब बात करते है कल हुई कांग्रेस की मीटिंग की जिसमें पूरे फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, संगठन पदाधिकारी, नेतागणों को आमंत्रित किया गया था और ज्यादातर ने हिस्सा लिया। इस मीटिंग की पूरी बागडोर कांग्रेस कार्डिनेटर कमेटी के सदस्य महेेन्द्र प्रताप के मंझले पुत्र विजय प्रताप के हाथों में थी। मीटिंग में जहां ज्यादातर समय पार्टी की गुटबाजी को दूर करने व सर्वसम्मति से फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र का उम्मीदवार तय करने की बात लगभग सभी वक्ताओं ने की वहीं पिछले चार सालों में इनेलो व भाजपा का सफर कर पुन: कांग्रेस में आए पूर्व सांसद अवतार भड़ाना ने अपनी तरफ से पूर्व मंत्री महेेन्द्र प्रताप का नाम फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से प्रपोज कर सबको हैरत में डाल दिया। उनका कहना था कि वो राहुल गांधी को प्रधानमंत्री देखना और ही कीमत पर कृष्णपाल गुर्जर को हराना चाहते है। इसके लिए जिसे भी कांग्रेस आलाकमान यहां से उम्मीदवार बनाएगा वो उसकी तन-मन-धन से मदद कर जिताने का काम करेंगे।
वो बात अलग है कि अपने भाषण के तुरंत बाद अवतार भड़ाना बैठक में से उठकर यह कहते हुए चले गए कि हम राजनीति सम्मान के लिए करते हैं, दुकान के लिए नहीं। यह आरोप संभवत: उन्होंने प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से महेन्द्र प्रताप पर लगाए थे जिनका नाम कि वो कुछ समय पहले तक टिकट के लिए ऊपरी तौर पर प्रपोज कर रहे थे। दरअसल अवतार भड़ाना को शुरू से ही सत्तासुख भोगने की खुमारी या कहिए आदत रही है। जिसके चलते वो पार्टी और आस्था बदलने में भी समय नहीं लगाते।
– क्रमश:






