मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 6 अप्रैल: उच्चतर शिक्षा निदेशक द्वारा कल यूजीसी नेट रहित एम.फिल एवं पीएचडी धारक प्राध्यापकों को एक बड़ी राहत दी गई है। उच्च शिक्षा निदेशक ने 20 सितंबर, 2012 को जारी अपने पत्र से छह नंबर प्वाईंट हटा लिया है जिसमें यूजीसी नेट रहित एम.फिल एवं पीएचडी शिक्षकों को छह साल मे प्रोमशन देने की हिदायत दी गई थी। इस प्रावधान के चलते शिक्षकों को भारी मानसिक तनाव में जीना पड़ रहा था। इसके साथ-साथ उन्हें भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड रहा था।
उच्च शिक्षा निदेशक के कल के निर्णय से प्रदेश के विभिन सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त कालेजों में कार्यरत लगभग 400 शिक्षकों को अब छह साल की बजाय पांच साल में प्रोन्नति मिल जाएगी।
याद रहे कि सितंबर 2012 से पहले पीएचडी धारकों को चार साल में तथा एम.फिल धारकों को पांच साल में प्रमोशन मिलती थी। विशेष बात यह है कि कालेज टीचर्स एशोसिएशन ने राज्य प्रधान डॉ. राजबीर सिंह के नेतृत्व मे अनेक बार इस सम्बन्ध में उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखे।
एसडी कालेज अंबाला में कार्यरत सहायक प्राध्यापक डॉ. सतिन्द्र ने इस दिशा में विशेष काम किया है। उन्होंने बार-बार उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र लिखे और वे न्याय पाने के लिए वर्ष 2018 में उच्च न्यायालय में भी गए।
सीटीए के राज्य प्रधान डॉ. राजबीर सिंह ने उच्च शिक्षा निदेशक एवं उन सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद किया जिन्होंने इस दिशा मे अपना योगदान दिया। साथ ही उन्होंने उन सभी प्राध्यापक साथियों को मुबारकबाद भी दी जिनको इस निर्णय से लाभ मिलने जा रहा है।