मैट्रो प्लस से महेश गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 8 अप्रैल: नवरात्रोंं के दूसरे दिन सिद्धपीठ मां वैष्णोदेवी मंदिर में मां ब्रहमचारिणी की भव्य पूजा की गई। इस अवसर पर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया और उन्हें बताया कि मां ब्रहमचारिणी की सच्चे मन से पूजा करने व मुराद मांगने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
इस मौके पर श्री भाटिया ने बताया साधक इस दिन अपने मन को मां के चरणों में लगाते हैं। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता है। यह जानकारी भविष्य पुराण से ली गई है। ब्रह्मचारिणी देवि की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप ज्योर्तिमय है। ये मां दुर्गा की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं। तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा इनके अन्य नाम हैं। इनकी पूजा करने से सभी काम पूरे होते हैं, रूकावटें दूर हो जाती हैं और विजय की प्राप्ति होती है। इसके अलावा हर तरह की परेशानियां भी खत्म होती हैं। देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है।
इस अवसर पर श्री भाटिया ने बताया कि नवरात्रों के शुभ अवसर पर मंदिर के कपाट चौबीस घंटे खुले रहते हैं प्रतिदिन मंदिर में भक्तों हेतु विशेष प्रसाद का वितरण किया जाता है।
मां ब्रहमचारिणी की पूजा के अवसर पर मंदिर में उद्योगपति आर.के. बत्तरा, पार्षद दिनेश भाटिया, फकीरचंद कथूरिया, नेतराम गांधी, सुरेंद्र गेरा, गिर्राजदत्त गौड़, शिवम, सुनील, अमरनाथ एवं अमिताभ गुलाटी भी उपस्थित थे।