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गैर-मान्यता प्राप्त प्राईवेट स्कूलों पर संकट के बादल, 5 दिन में होंगे बंद?

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
– प्रदेशभर में 1083 गैर-मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में से सिर्फ 98 स्कूलों ने ही भेजे निदेशालय को मान्यता संबंधी दस्तावेज, अब 985 गैर-मान्यता स्कूल होंगे बंद
– हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा महानिदेशक ने जारी किए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश, पांच दिन के अंदर स्कूल बंद करा देनी होगी अंतिम रिपोर्ट
– पहले शिक्षा निदेशालय द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को दिए गए थे नोटिस, मगर फिर भी नहीं भेजी कोई जवाब
चंडीगढ़/फरीदाबाद/भिवानी, 19 अप्रैल: अगर शिक्षा विभाग की चली और उसने हाईकोर्ट की मानी तो अगले 5 दिनों में हरियाणा भर के उन सभी 1085 स्कूलों पर तालाबंदी की गाज गिर सकती है जोकि गैर-मान्यता प्राप्त है। इस मामले में जहां स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने कड़ा रूख अपना रखा है वहीं प्रदेश भर की प्राईवेट स्कूलों की लगभग सभी एसोसिएशनों ने इससे किनारा किया हुआ है, चाहे वह फिर सीबीएससी स्कूलों वाली एसोसिएशन हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्ज कांफ्रेंस (HPSC) हो या फिर हरियाणा शिक्षा बोर्ड से संबंधित प्राईवेट स्कूलों की अन्य एसोसिएशनें। सभी एसोसिएशनों ने इस मामले में चुप्पी साधी हुई है। इसके चलते प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन का मेंबर होने के बावजूद भी अपने आपको असहाय और अकेला खड़ा महसूस कर रहा है। बल्लभगढ़ की एक प्राईवेट स्कूलों की एसोसिएशन ने चन्द्रसेन शर्मा की अध्यक्षता में जरूर एक बार एस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी के सामने अपना विरोध प्रकट करते हुए प्रदर्शन किया था।
हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने एक बार फिर प्रदेशभर में गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के संचालन नहीं होने संबंधी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। अब सेकेंडरी शिक्षा महानिदेशक ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बंद कराकर पांच दिन के अंदर उनसे अंतिम रिपोर्ट निदेशालय में तलब की है। सेकंडरी शिक्षा निदेशालय ने अपने पत्र में हवाला दिया है कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में सीडब्ल्यूपी नंबर 23119 ऑफ 2017 में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार द्वारा प्रदेश भर में चल रहे करीबन चार हजार से अधिक गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई गई थी। इसी मामले में न्यायालय द्वारा अपना सख्त रुख अख्तियार करते हुए सरकार से जवाब तलब किया गया था, जिसके बाद शिक्षा निदेशालय ने भी सार्वजनिक तौर पर 1083 गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को सात दिन का कारण बताओ नोटिस जारी कर अपना जवाब एवं मान्यता संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के बाद प्रदेशभर से शिक्षा निदेशालय को केवल 98 स्कूलों ने ही मान्यता संबंधी दस्तावेज भेजे, जो सही पाए गए हैं। इसके अलावा जिन स्कूलों ने अपनी मान्यता संबंधी कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए हैं, उन्हें निश्चित तौर पर बंद कराए जाने के निर्देश भी शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं। सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि सभी जिला शिक्षा अधिकारी अपने अपने जिला में अनाधिकृत रूप से चल रहे निजी विद्यालयों में दाखिल किए गए बच्चों को भी आसपास के सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में समायोजित करे। ध्यान रहे कि ेस्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने प्रदेशभर के 1083 फर्जी स्कूलों को बंद कराने के लिए माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की हुई है। इसी पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग को 1083 गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बंद कराने के आदेश दिए थे। इसी के साथ हर साल अस्थायी मान्यता हासिल कर विद्यालय का संचालन करने वालों पर भी हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए सरकार से भी जवाब तलब किया हुआ है।
हिसार, जींद, भिवानी, पानीपत, रेवाड़ी, फतेहाबाद जिले में संगठन ने किया सर्वे:
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार व प्रदेश महामंत्री भारत भूषण बंसल ने बताया कि उनके संगठन ने हाल ही में हिसार, जींद, भिवानी, पानीपत, रेवाड़ी, फतेहाबाद जिले में संगठन की ओर से गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के साथ साथ शिक्षा अकादमियों का सर्वेक्षण किया गया है, जिसमें हजारों गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की संख्या और पाई गई है, जिसकी रिपोर्ट भी हाईकोर्ट को सौंपी जाएगी। प्रदेश के अन्य जिलों में भी फर्जी स्कूलों का सर्वे किया जा रहा है। इन स्कूलों की जांच भी किसी रिटायर्ड जज के माध्यम से कराई जाए। इसमें दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग उठाई जाएगी।
शिक्षा अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे, नहीं कराया कोई फर्जी स्कूल बंद: बृजपाल परमार
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा एक अप्रैल से गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बंद कराने के आदेश दिए गए थे। मगर अधिकारियों ने इन आदेशों की अनुपालना नहीं की। अब सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने सभी अधिकारियों को पत्र जारी कर गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को पांच दिन के अंदर-अंदर बंद कराकर इसकी रिपोर्ट निदेशालय को भेजे जाने के सख्त आदेश एक अति आवश्यक पत्र जारी करते हुए दिए हैं। उन्होंने बताया कि 24 अप्रैल को माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में फिर से सुनवाई होनी है। इससे पहले सरकार एक बार फिर अपनी खाल बचाने के लिए जिला स्तर के शिक्षा अधिकारियों को आदेश भेज रही है, लेकिन जिला स्तर के शिक्षा अधिकारी अब तक हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और कोई गैर-मान्यता स्कूल बंद नहीं कराया है। ऐसे शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ भी हाई कोर्ट में रिपोर्ट भेजकर उनके खिलाफ न्यायालय के आदेशों की अवमानना पर आपराधिक केस दर्ज कराए जाने के लिए शिकायत दी जाएगी।

फरीदाबाद के 134 सहित हरियाणा के 1083 प्राईवेट स्कूलों पर लगेंगे ताले!


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