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रेव पार्टी में गिरफ्तार कांग्रेसी नेता जे.पी.नागर के बेटे को मिली जमानत, तिहाड़ जेल से छूटा

मैट्रो प्लस से महेश गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद/नई दिल्ली, 14 जून:
दिल्ली की बहुचर्चित रेव पार्टी में से पकड़े गए फरीदाबाद के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जे.पी.नागर जोकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खासमखास बताए जाते हैं, के बेटे आकाशदीप नागर और सैक्टर-15 निवासी रवि भड़ाना के बेटे चिराग भड़ाना तिहाड़ जेल की सलाखों से बाहर निकल आए हैं। अदालत ने इनको बुधवार को जमानत दे दी जिसके चलते ये देर रात तिहाड़ जेल से छूटे। चर्चा है कि इन दोनों की जमानत करवाने में केस को हल्का करवाने में कांग्रेस के कई बड़े राजनेताओं की सिफारिशों के साथ-साथ मोटी रकम का भी लेन-देन हुआ है। जबकि छापे के दौरान मौके से पुलिस ने पुलकित रस्तोगी के बताए अनुसार गौरव मावी की बाहर खड़ी लैंड क्रुजर कार में बैठे आकाशदीप नागर, चिराग भड़ाना और मोहित बैसला को गिरफ्तार का लैंड क्रुजर कार से विदेशी व हरियाणा ब्रांड की शराब और 1.39 लाख नकद बरामद किए थे। वहीं होंडा सिटी कार से विदेशी शराब की 12 बोतलें बरामद की गईं।
ध्यान रहे कि आबकारी विभाग व महरौली थाना पुलिस ने अंबेडकर नगर, छतरपुर एक्सटेंशन के धान मिल परिसर में स्थित एक कैफे में बीते शनिवार रात को एक रेव पार्टी में छापा मारकर उसका भंडाफोड़ किया था। गैर-कानूनी रूप से चल रही इस रेव पार्टी में आबकारी विभाग के एसीपी आलोक कुमार की टीम ने अपने दो इंस्पेक्टर, चार सब-इंस्पेक्टर, आठ हवलदार और नौ सिपाहियों के साथ छापा मारकर वहां से हरियाणा युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं कार बनाने वाली नामी-गिरामी कंपनी टोयटा के फरीदाबाद डीलर थर्टी सिक्स टोयटा के चेयरमैन जे.पी. नागर के छोटे बेटे आकाशदीप नागर, सैक्टर-15 फरीदाबाद निवासी रवि भड़ाना के पुत्र चिराग भड़ाना सहित पार्टी के मुख्य आयोजक फरीदाबाद निवासी पुलकित रस्तोगी, गाजियाबाद निवासी मनीष तोमर व नवल गोयल, हौजखास दिल्ली निवासी पीयूष दत्ता, दिल्ली निवासी जय कुमार और दल्लूपुरा निवासी मोहित बैंसला को गिरफ्तार किया था। वहीं दो अन्य आयोजक ग्रेटर नोएडा निवासी गौरव मावी व अली उस समय मौके से फरार हो गए थे। मौके पर से पुलकित रस्तोगी की जेब से 17 डार्क ब्राउन रंग की पॉलिथीन में लिपटी छोटी 17 गोलियां और बायीं जेब में एक प्लास्टिक पाउच में रखी गुलाबी रंग की 20 गोलियां बरामद की गईं थी। ये गोलियां चरस व मॉर्फिन की बताई जा रही हैं। नारकोटिक्स की टीम को मौके पर बुलाया गया था और ड्रग्स की जांच की गई थी।
200 मौजूद थे, छापे के दौरान 160 से ज्यादा फरार, 40 हिरासत में:-
पुलिस के मुताबिक पार्टी में 200 से ज्यादा लड़के-लड़कियां मौजूद थे। छापे के दौरान इनमें से ज्यादातर फरार हो गए। पुलिस ने करीब 40 को हिरासत में ले लिया था। रविवार देर शाम तक पूछताछ करने के बाद इनमें से ज्यादातर को छोड़ दिया गया था।
बताया जा रहा है कि जब मौके पर पुलिस पहुंची तो कई लड़कियां अर्धनग्न अवस्था में पाई गईं। रेव पार्टी में शुरू में आबकारी विभाग ने दबिश दी थी। दबिश देखकर पार्टी में मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। जो जैसा और जिस हालत में था पार्टी से बाहर भागने लगा। बताया जाता है कि कई लड़कियां अद्र्धनग्न अवस्था में थीं। पुलिस को देखते ही लोग अपनी गाडिय़ों की तरफ भागे और मौके से फरार हो गए। अधिकारियों के अनुसार पार्टी में करीब 200 से ज्यादा लड़के-लड़कियां व आयोजक व कर्मचारी थे।
कैफे में बने थे केबिन, कम रोशनी में हो रही थी पार्टी:-
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पार्टी के दौरान वहां बहुत ही कम रोशनी वाली लाइटें जली हुई थीं। कैफे में केबिन बने हुए हैं। उनमें लड़के-लड़कियां बैठे हुए थे। पुलिस को देखकर ज्यादा लोग भाग गए। काफी लोगों का सामान व बैग मौके पर ही रह गए थे।
बरामद सामान:-
पुलिस ने मुख्य आयोजक पुलकित रस्तोगी के कब्जे से 17 गहरे भूरे रंग की गोलियां व 21 गुलाबी रंग की गोलियां, वोडका के दो हॉफ समेत 24 बोतलें, स्कॉच की 28 बोतलें, रॉहिनो शराब की 24 बोतल, शैंपेन की दो बोतलें, जॉगरमेसटर की एक बोतल, टीचर्स की 4 बोतलें, बीयर की 12 बोतलें और 5.43 लाख रुपये बरामद हुए हैं।
रेव पार्टी की फीस थी 10 हजार, युवतियों की होती थी फ्री एंट्री:-
रेव पार्टी में आने वाले लोगों से 10 हजार रुपये का प्रवेश शुल्क लिया जाता था। जबकि युवतियों की फ्री एंट्री थी। प्रवेश शुल्क को आयोजक नकद व पेटीएम जैसे साधनों के जरियेलेते थे। मौके से एक रजिस्ट्रर भी बरामद हुआ है जिसमें पूरा हिसाब लिखा हुआ था।
आबकारी विभाग के अधिकारियों की मानें तो यहां हर महीने एक से दो रेव पार्टी होती थी। पार्टी में विदेशी बैंड बजता था। जिस कैफे में पार्टी की जाती थी उसकी दीवारें साउंड प्रुफ थीं। दक्षिण जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि धान मिल का परिसर काफी बड़ा था। वहां पर कुछ कैफे, रेस्तरां व अन्य स्टोर हैं। जिस कैफे में ये पार्टी चल रही थी वहां काफी बड़ा हॉल था जिसमें कई अजब किस्म की चित्रकारी की गई थी। जिस दिन रेव पार्टी होती थी उसी दिन ही वहां सारा सामान मंगाया जाता था। शराब, ड्रग्स व चरस भी उसी दिन लाई जाती थी। रेव पार्टी में हुक्के चलते भी चलते थे और हुक्कों को उसी दिन मंगाया जाता था। आबकारी विभाग के अधिकारी ने बताया कि रेव पार्टी में ज्यादातर हुक्के व अवैध रूप से मंगाई गई विदेशी व हरियाणा की शराब सप्लाई की जाती थी।
पुलिस का दावा मुख्य आयोजक पुलकित ही लाता था ड्रग्स:-
पुलिस का दावा है कि मुख्य आयोजक पुलकित रस्तोगी ही मॉर्फिन ड्रग्स लेकर आता था। आबकारी विभाग व महरौली थाना पुलिस उससे पूछताछ करने में लगी हुई है कि वह मॉर्फिन कहां से लाता था।
क्या है मॉर्फिन ड्रग्स:-
मॉर्फिन का इस्तेमाल दर्द निवारक दवा के तौर पर होता है। यह अफीम से तैयार होता है। अगर अफीम पूरी तरह शुद्घ है तो उसमें 60 से 70 फीसदी मॉर्फिन होती है। भारत में एक किलो अफीम एक से डेढ़ लाख रुपये में मिलती है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक किलो अफीम की कीमत 50 लाख रुपये में मिलती है।
अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। आबकारी विभाग अधिकारियों की मानें तो रेव पार्टी में हाई प्रोफाइल परिवारों के बच्चे ही शामिल होते थे। पार्टी में शामिल होने के लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ती थी। पार्टी में विदेशी शराब का एक पैग पांच हजार रुपये में दिया जाता था। वहीं ड्रग्स की एक डोज दस हजार में दी जाती थी। आयोजक किसी ग्राहक पर पूरा विश्वास होने या फिर परिचित को ही ड्रग्स की डोज देते थे। फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी मॉर्फिन ड्रग्स कहां से और किस से लेते थे।
व्हाट्स एप के जरिये लोगों को बुलाते थे:-
पुलिस अधिकारियों के अनुसार रेव पार्टी में आने वाले लोगों को व्हाट्स ऐप व सोशल मीडिया के जरिये बुलाया जाता था। आयोजक कुछ लोगों को व्हाट्स एप ग्रुप में जानकारी डालते थे, जबकि वह ये लोग उस मैसेज को अन्य लोगों को व्हाट्स एप कर देते थे।
ज्यादातर दिल्ली एनसीआर के युवा होते हैं शामिल:-
दिल्ली-एनसीआर में मल्टी नेशनल कंपनियों/कॉल सैंटरों में मोटी पगार पर काम करने वाले वीकेंड पर मौज-मस्ती का साधन तलाशना शुरू कर देते हैं। सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर रेव पार्टी के आयोजकों को तलाशा जाता है। ऐसी पार्टी के आयोजन के लिए गोपनीय तरीके से ही सारे काम किए जाते हैं।
जानकारी के मुताबिक आरोपी पहले कैश जमा करा लेते थे और उसके बाद कूपन (बैंड जैसा) देते थे। बैंड के आधार पर ही ड्रग्स व शराब परोसी जाती थी।


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