Metro Plus News
फरीदाबादहरियाणा

फीस बढ़ोतरी मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा हरियाणा अभिभावक एकता मंच

सोनिया शर्मा
फरीदाबाद, 9 अप्रैल: निजी स्कूलों में लूट-खसौट व मनमानी जारी है। स्कूल प्रबंधकों पर जिला शिक्षा अधिकारी व हुडा के आदेशों का कोई असर नहीं है। सांसद, विधायक, उपायुक्त, हुडा प्रशासक व जिला शिक्षा अधिकारी को इस बात की जानकारी है उसके बावजूद ये सब निजी स्कूलों की सशक्त लॉबी के आगे नतमस्तक हैं। इसलिए हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने अब पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। मंच ने अभिभावकों से पिछले पांच सालों में ट्यूशन फीस व अन्य गैर-कानूनी फंडों में वसूली गई फीस व स्कूल प्रबंधकों द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को जमा कराए गए फार्म-6 के ब्योरे को इकट्ठा करके मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल व पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल के सदस्य ओपी शर्मा को भेज दिया है। लीगल सैल के ये दो प्रमुख पदाधिकारी इस उपलब्ध ब्योरे व समय-समय पर उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय हरियाणा द्वारा दिए गए आदेशों के आधार पर मंच की ओर से उच्च न्यायालय में दायर की जाने वाली जनहित याचिका का प्रारूप तैयार करेंगे। प्रथम चरण में शहर के 25 स्कूलों को पार्टी बनाने का फैसला लिया गया है।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि मंच ने यह ठान लिया है कि अब निजी स्कूलों से उन सभी नियम कानूनों का पालन कराया जाएगा जो शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए बनाए गए हैं। इसके लिए हर तरह की लड़ाई लड़ी जाएगी। मंच ने स्कूल प्रबंधकों को याद दिलाया है कि उन्होंने 2006 में भी नियम कानूनों को न मानकर शिक्षा नियमावली व सीबीएसई के नियमों का उल्लंघन किया था। उस समय मंच के प्रयास से ही शहर के तीन नामी-गिरामी स्कूल एपीजे, मार्डन, मार्डन विद्या निकेतन, डीपीएस की मान्यता रद्द कराई गई थी। स्कूल प्रबंधकों ने आगे से सभी नियम कानूनों का पालन करने व पेरेन्ट एसोसिएशन की सलाह से फीस बढ़ाने का शपथ पत्र देकर अपने स्कूलों की मान्यता बहाल कराई थी। यही स्थिति इस बार भी स्कूल प्रबंधकों ने कर दी है। मंच के जिलाध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार जोशी, जिला सचिव डॉ. मनोज शर्मा ने जन-प्रतिनिधियों द्वारा शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चुप्पी साधना और दोषी स्कूलों का साथ देना अभिभावकों द्वारा उन्हें दिए गए मत का अपमान है। अभिभावक अपने इस अपमान का बदला हर हालत में आने वाले प्रत्येक चुनावों में उनसे लेंगे। मंच ने जागरूक अभिभावकों, नागरिकों व शहर की सभी सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों से कहा है कि वे इस मुद्दे पर अभिभावक मंच का साथ दें जिससे निजी स्कूलों की लूट-खसौट व मनमानी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
मनोज शर्मा ने बताया कि मंच ने जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी प्राप्त की है, जिसके मुताबिक किसी भी निजी स्कूल प्रबंधकों ने रिवाइज फार्म 6 परफोरमा जिला शिक्षा अधिकारी को जमा नहीं कराया है। जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से शिक्षा निदेशक हरियाणा का उन निजी स्कूलों की सूची भेजी गई है जिन्होंने तय समय पर फार्म 6 जमा नहीं कराया है और जिन्होंने भ्रामिक व अधूरा फार्म 6 पर ब्योरा जमा कराया है। यहां यह बताना जरूरी है कि निजी स्कूलों की ओर से फार्म 6 भरकर जिला शिक्षा अधिकारी को दिसंबर-जनवरी माह में जमा कराना होता है इसके तहत स्कूल की ओर से आय, खर्च, टीचिंग स्टाफ, कर्मचारियों का वेतन, अन्य खर्च मेंटीनेंस, फीस वृद्धि का ब्यौरा मांगा जाता है। साथ ही नए शिक्षा सत्र में बढ़ी हुई फीस और उसको बढ़ाने का कारण व दी जाने वाली सुविधा बतानी होती है। जिला शिक्षा अधिकारी इस फार्म 6 को शिक्षा विभाग के डायरेक्टर को भेजता है। वहां मौजूद कमेटी निजी स्कूल द्वारा दिए गए ब्योरे का मुल्यांकन करती है और तय करती है कि स्कूल द्वारा दी गई जानकारी सही है या गलत।
शिक्षा नियमावली के अनुसार अगर शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन नहीं किया जाता तो सख्त कार्यवाही हो सकती है। निर्देशों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने या सीबीएसई की संबंधता लेने के लिए दिया गया एनओसी वापिस लिया जा सकता है। इसी कानून का सहारा लेकर 2006 में शहर के तीन नामी-गिरामी स्कूलों की मान्यता रद्द की गई थी।


Related posts

मैट्रो अस्पताल में 300 से अधिक मरीजों को किया गया पूरी तरह ठीक

Metro Plus

Minister, Mr. Manohar Lal presiding over the BJP legislative party at Chandigarh

Metro Plus

मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद की बैठक में विपुल गोयल ने की उद्योगपतियों के प्रयासों की सराहना

Metro Plus