Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
Faridabad News, 5 सितंबर: आशा ज्योति विद्यापीठ में शिक्षक दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। स्कूल प्रांगण में प्रार्थना सभा के बाद मां सरस्वती की दीपक प्रज्जवलित कर वंदना की गई।
इस मौके पर स्कूल के 10वीं व 11वीं के छात्र-छात्रओं ने श्लोगन पढ़कर शिक्षकों को फूल व पेन भेंट कर सम्मानित किया और सभी शिक्षकों से जीवन में आगे उन्नति व तरक्की करने का आशीर्वाद दिया। वहीं अध्यापक दिवस के मौके पर कुछ छात्रा को अध्यापकों की जिम्मेदारी दी जिस पर उन्होंने अन्य कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाया और बखूबी अपनी जिम्मेवारी भी निभाई। वहीं स्कूल में अध्यापक दिवस के उपलक्ष्य में सांस्कृति कार्यक्रम जैसे कविता, भाषण, हास्य कविता, संगीत व डांस आयोजित किया गया। जिसमें बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
इस मौके पर अध्यापकगणों के लिए रस्साकसी, अन्ताक्षरी व संगीत कुर्सी खेल भी आयोजित किए गए। जिसमें अध्यापकों ने खूब मस्ती की। इस मौके पर विद्यालय की प्रधानाचार्या इन्दु अग्रवाल ने गुरू गोविन्द दोऔ खडे काके लागु पाय। बलहारी गुरू आपने गोविन्द दियो मिलाए। श्लोगन के माध्यम से बच्चों को शिक्षक के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि गुरू वह होता है जो बच्चों को अंधकार से निकाल कर प्रकाश कि ओर ले जाए और मृत्यु रूपी अज्ञान से निकाल कर ज्ञान रूपी अमरता की ओर ले जाए। इसलिए गुरू का अर्थ है बड़ा, भारी, उंचा व महान है। इसलिए गुरू का स्थान भगवान से भी उंचा है क्योंकि गुरू ही भगवान से मिलने का मार्ग बताता है। डॉक्टर केवल एक दिन में एक या दो मरीजों की जान बचा सकता है। परन्तु अध्यापक अपने जीवन में लाखों डॉक्टरों को बना सकता है।
इस मौके पर रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने कहा कि अध्यापक उस जलती हुई मोमबती के समान है जो स्वयं जल कर लाखों बुझी हुई मोमबतियों को जला सकता है जोकि लाखों बुझी हुई मोमबतियों एक मोमबती को भी नहीं जला सकती है। इसलिए कबीरदास ने कहा है सारी धरती को कागज बनाऊं वन को कलम बनाऊं। सागर को स्याई करू फिर भी गुरू की महिमा ना लिख पाऊं। अन्त में प्रधानाचार्या ने कहा जो छात्र अपने माता-पिता अपने से बड़ो का व गुरू का आदर व सम्मान करता है। वह जीवन में विद्या, बल, आयु व यश प्राप्त करके जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। याद रखो अनुशासन वो पारसमणी है जिसे छात्रों का जीवन स्वर्णमिय बन जाता हैं। जो छात्र अनुशासन में रहता है वह जीवन में कभी भी और कहीं भी असफल नहीं रहता है वह सोने की तरह निखरता रहता है। मेरा आशीर्वाद है तुम खूब पढ़ो और आगे बढ़ो। अपना, अपने माता-पिता का व देश का नाम रोशन करो।