मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
फरीदाबाद, 16 अक्टूबर: बल्लभगढ़ से प्रधानमंत्री मोदी के जाने के बाद और गृहमंत्री अमित शाह के फरीदाबाद आने से पहले आज जिस तरीके से विधानसभा चुनावों के दौरान इंकम टैक्स विभाग ने फरीदाबाद में करीब आधा दर्जन जगह रेड मारने की यह कार्यवाही की है, उससे कहीं ना कहीं तिगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेसी उम्मीदवार ललित नागर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बताया जा रहा है कि जिन-जिन लोगों के यहां आज इन्कम टैक्स की रेड पड़ी उनमें से ज्यादातर के तार किसी ना किसी रूप में तिगांव से निवर्तमान विधायक ललित नागर से जुड़े हुए हैं। इनमें से एक तो ललित नागर का पीए ही बताया जा रहा है।
सरकार के निशाने पर आने के बाद जहां देश के पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम अभी तक जेल की हवा खा रहे हैं और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा अदालतों के चक्कर लगा अपने को बेकसूर साबित करने के लिए अपनी जुतियां तक घिस रहे हैं। वहीं कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के दामाद राबर्ड और उनके साथ जमीनी घोटाले में आरोपी ललित नागर और उनके भाई महेश नागर भी सरकार के राडार पर हैं। ईडी इन अपनी नजर बनाए हुए है।
कारण, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के दामाद राबर्ड के साथ जमीनी घोटाले में ललित नागर और उनके भाई महेश नागर का नाम जुड़ा हुआ है। इस क्रम में जहां राबर्ड वाड्रा को ईडी की पूछताछ का सामना करना पड़ रहा हैं वहीं इन दोनों भाईयों और इनके समर्थकों के यहां ईडी के छापे तक पड़ चुके हैं। शायद यही वजह रही थी कि गत् लोकसभा चुनावों में उन्हें फरीदाबाद लोकसभा से कांग्रेस की टिकट भी दी गई थी। वो बात अलग है है कि भारी विरोध के कारण बाद में उनकी टिकट काट दी गई थी।
हालांकि ललित नागर तिगांव से कांग्रेसी उम्मीदवार के तौर पर इंकम टैक्स की इस कार्यवाही को भूनाकर इसका राजनैतिक फायदा लेना चाह रहे हैं कि सरकार उन्हें हराने के लिए से हथकंडे अपना रहा है। लेकिन ललित नागर को इसका फायदे होने वाला नहीं है क्योंकि यह कार्यवाही इंकम टैक्स की है जोकि सारे सबूतों और खोजबीन के बाद ही चुपचाप तरीके से होती है।
अब देखना यह है कि अपने समर्थकों पर आज हुई इंकम टैक्स की रेड के बाद ललित नागर क्या रूख अपनाते हैं या फिर इन्हें अपना समर्थक मानने से ही इंकार कर देते हैं।
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