मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़/फरीदाबाद, 1 नवम्बर: शहर के प्राईवेट स्कूलों के खिलाफ अब तक मोर्चा खोले आ रहे अभिभावक एकता मंच ने अब सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है जोकि एक अच्छा कदम है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत को लेकर सोशल जूरिस्ट (ग्रुप अपना लॉयर) द्वारा पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 18 नवंबर को इस विषय पर एफिडेविट दायर करने को कहा है। जस्टिस राजीव शर्मा व जस्टिस ललित बत्रा की डबल बेंच में इस जनहित याचिका की सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (आईपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने बेंच को बताया कि हरियाणा में सरकारी स्कूलों की दशा काफी खराब है। स्कूल बिल्डिंग जर्जर हालत में है। खस्ताहाल कमरों में विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में सभी जरूरी संसाधन पीने का पानी, शौचालय, प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर लैब आदि की व्यवस्था ठीक नहीं है। स्कूल कमरों व अध्यापकों की काफी कमी है जिसके कारण सरकारी स्कूलों की ओर अभिभावकों का आकर्षण बहुत कम है। अभिभावक मजबूरी में अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस को सहन करके प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। हरियाणा सरकार भी सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने में कोई विशेष रूचि नहीं ले रही है और शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे प्राइवेट स्कूलों को संरक्षण प्रदान कर रही है।
आईपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता कैलाश शर्मा ने बताया कि सुनवाई के दौरान श्री अग्रवाल ने बेंच को जानकारी दी कि आईपा व अभिभावक एकता मंच की टीम ने फरीदाबाद जिले के 8 सरकारी स्कूल अनंगपुर, बडख़ल गांव, गोछी, इंदिरा नगर, मोहना, तिगांव, बाल फरीदपुर, प्रेस कॉलोनी में जाकर इन स्कूलों की खस्ता हालत बिल्डिंग का व स्कूलों में जरूरी संसाधनों की उपलब्धता का पता लगाया। तब जानकारी मिली कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इन स्कूलों की बिल्डिंग व कई कमरों को जर्जर घोषित किया हुआ है और खस्ताहाल कमरों में बच्चों को पढ़ाने की मनाई कर दी गई है लेकिन कमरों की कमी के कारण इन्हीं कमरों में विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। एक कमरे में 50 से 60 बच्चों को बैठाया जा रहा है। सुनवाई के बाद बेंच ने हरियाणा के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए याचिका में उठाई गई बातों पर अपना पक्ष रखने को कहा है और अगली तारीख 18 नवंबर को इस विषय पर एफिडेविट दाखिल करने को कहा है