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एजुकेशनफरीदाबाद

द्रोणाचार्य स्कूल में जलवा ए आजादी में दिखीं बाल प्रतिभाएं

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 21 दिसम्बर:
सैक्टर-23 स्थित द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल में प्राइमरी विंग का पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन जलवा ए आजादी के नाम से किया गया जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कवि दिनेश रघुवंशी व अन्य द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर कवि दिनेश रघुवंशी ने कहा कि आज के कार्यक्रम की थीम जलवा ए आजादी की शानदार प्रस्तुति बच्चों ने दी है। जिनके पीछे उनकी अध्यापिकाओं की कड़ी मेहनत भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज के समय इस थीम की बेहद आवश्यकता थी। आज देश में जैसा माहौल चल रहा है, ऐसे में हमें देखना और सोचना होगा कि देश की आजादी और आज देश की रक्षा के लिए जिन सेनानियों और सैनिकों ने बलिदान दिया है। वह हमारे बारे में क्या सोचते होंगे और हमारे क्या कत्र्तव्य होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज इन बच्चों की प्रस्तुतियों से उनकी और यहां बैठे अनेक लोगों की आंखें नम हो गई हैं।
इस मौके पर स्कूल के निदेशक नवीन चौधरी ने कहा कि हमने जलवा ए आजादी का आयोजन किया है। इसके पीछे भविष्य के भारत की शुरूआत राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत करना है। उन्होंने कहा कि आज आजादी की कीमत हम भूलते जा रहे हैं। ऐसे में हम अपने बच्चों को न केवल पढ़ा रहे हैं बल्कि उन्हें नए भारत के लिए भी तैयार कर रहे हैं। श्री चौधरी ने कहा कि माता-पिता द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल में बच्चों को भेजकर निश्चित हो जाएं कि हम उन्हें पढ़ा लिखाकर जहां शिक्षित नागरिक बनाएंगे बल्कि उन्हें संस्कारवान बनाकर एक आदर्श नागरिक भी बनाते हैं।
इस अवसर पर स्कूल की चेयरपर्सन हर्ष चौधरी ने बालिकाओं की एडमिशन फीस पूरी तरह से माफ करने की भी घोषणा की।
गौरतलब है कि सिबलिंग की एडमिशन फीस पर पहले से 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। श्रीमति चौधरी ने कहा कि हम द्रोणाचार्य में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर बल देते हैं। यही कारण है कि हमारे बच्चे जीवन के हर क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं।
इस मौके पर ज्योतिषाचार्य वीके शास्त्री, महेश बजाज, शिक्षा निदेशक केएल खुराना प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
इस अवसर पर स्कूल में पहुंचे सैकड़ों अभिभावकों ने भी अपने बच्चों की प्रस्तुतियों को देखकर स्कूल प्रबंधन की कोशिश को सराहा। उन्होंने कहा कि हमें यकीन ही नहीं होता कि हमारी गोद में खेलने वाले बच्चे इतनी गंभीर प्रस्तुति भी दे सकते हैं।


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