नवीन गुप्ता
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमन्त्री मनोहर लाल ने कहा कि विज्ञान में एक विशेष प्रकार का ज्ञान होता है। छोटी से छोटी व बड़ी से बड़ी चीज विज्ञान से जुड़ी है। विज्ञान जीवन को सुखी बना सकता है, परन्तु विज्ञानज्ञाताओं को इसका उपयोग मानवता के लिए करना चाहिए। हरियाणा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन देने के लिए आरम्भ की गई ई.रजिस्ट्रीए सीएम विण्डो व अन्य ई.सेवाएं विज्ञान का ही परिणाम है। मुख्यमन्त्री यहां हरियाणा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले वैज्ञानिकों के लिए आयोजित हरियाणा विज्ञान रत्न पुरस्कार व हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती सुमिता मिश्रा, विधायक ज्ञानचन्द गुप्ता, मुख्यमन्त्री के विशेष प्रधान सचिव आरके खुल्लर, निदेशक पंकज अग्रवाल के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी व बड़ी संख्या में विज्ञान विषय में रूचि रखने वाले स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि वार्षिक कलैण्डर गणना में भारत का कलैण्डर हमेशा सही माना गया है। अंग्रेजी कलैण्डर पहले 10 महीनों का और 400 दिन का होता था। बाद में जुलाई व अगस्त दो महीने शामिल कर इसे 12 महीने का बनाया गया। मुख्यमन्त्री ने स्मरण करवाया कि वे स्वयं भी कलैण्डर से जुडे हुए है। 1972 में उन्होंने भी आजीवन कलैण्डर की गणना की थी, परन्तु 1912 में इलाहाबाद के किसी व्यक्ति द्वारा ऐसे कलैण्डर की गणना पहले ही की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि काल गणना हमारी प्राचीन संस्कृति का हिस्सा रहा है। सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण इत्यादि की जानकारी भारतीय महिलाओं को भली-भांति पता होता है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि विज्ञान एक प्रकार है और नई-नई चीजें व आविष्कार इससे जुड़ते रहते है। उन्होंने 1995-96 में आरम्भ हुए कम्प्यूटर व मोबाइल का उदाहरण देते हुए कहा कि आज ये दोनों चीजें मानव जीवनशैली का अनिवार्य हिस्सा बन गई है। उन्होंने स्मरण करवाया कि वर्ष 1969 मेें 9वीं कक्षा में वे सामान्य विज्ञान के छात्र थे, परन्तु एक अध्यापक के कहने से उन्होंने गणित व भौतिकी विषय पढ़े। परन्तु राजनीतिक विज्ञान के रूप में आज एक अहम् स्थान पर पहुंचे है।
समारोह में मुख्यमन्त्री ने डॉ० जितेन्द्र नाथ वर्मा व डॉ० सुरेन्द्र कुमार मेहता को हरियाणा विज्ञान रत्न पुरस्कार तथा डॉ० सुदेश कुमार यादव व डॉ० पंकज गर्ग को हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कारस्वरूप उन्हें दो लाख रुपये व एक-एक लाख रुपये नकद तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
डॉ० जितेन्द्र नाथ वर्मा गुडगांव के लाईफकेयर इन्नोवेशन कम्पनी के प्रबन्ध निदेशक है तथा चिकित्सा जगत उपकरणों से जुड़ी अनेक खोजें उन्होंने की है। इसी प्रकार डॉ० मेहता पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ में रसायन शास्त्र विभाग के चेयरमैन है तथा उनके 200 से अधिक अनुसन्धान पेपर विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए है। डॉ० पंकज गर्ग पंचकूला अल्कैमिस्ट अस्पताल में कोलो रैक्टल व लापारोस्कोपिक सर्जन के रूप में कार्यरत है। सर्जरी के क्षेत्र में उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। अमेरिकन व यूरोपियन देशों में कई सम्मेलन में उन्हें भाषण देने के लिए आमन्त्रित किया गया है। 27 से अधिक पुस्तकें लिख चुके है। डॉ० यादव भिवानी जिले के रहने वाले है तथा चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार से प्लांट बायोटैक्नोलॉजी पर पीएचडी करने उपरांत वे भारतीय विज्ञान अनुसन्धान परिषद से जुड़े रहे है तथा हिमालयन बायोरिसोर्स टैक्नोलॉजी, पालमपुर में कार्यरत है। फसल संरक्षण एवं उपज पैदावार के क्षेत्र में सुधार के लिए उन्हें विशेषज्ञता हासिल है।