Metro Plus से Naveen Gupta की खास रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 12 फरवरी: आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम फरीदाबाद के अधिकारियों की मौन स्वीकृति और एक MLA की कथित सिफारिश और निगम के तोड़फोड़ विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार की करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर दिन-रात निर्माण करवाकर अवैध कब्जा किया जा रहा है। शायद यही कारण है कि इस मामले में सभी संबंधित अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद भी सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है। खुलेआम हो रहे इस कब्जे को देखते हुए लग रहा है कि किस कदर अधिकारी MLA के आगे नतमस्तक हुए पड़े हैं।
जी हां, हम बात कर रहे हैं NIT की पॉश मार्किट NH-1 के बीचोंबीच 1E/WH/67 की जहां आरोप है कि किसी MLA समर्थित राज डांग द्वारा अपनी जमीन के 10X90 साइज के एक छोटे से टुकड़े की आड़ में उसके साथ लगती पुनर्वास विभाग की 20X90 साइज यानी करीब 200 गज जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर अवैध निर्माण किया जा रहा है।
सरकारी जमीन पर हो रहे इस अवैध कब्जे के मामले को लेकर जब नगर निगम के तोड़फोड़ विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने माना कि उपरोक्त जगह सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर बिना किसी परमिशन और नक्शा पास कराये अवैध निर्माण चल रहा है जोकि उनकी जानकारी में है। साथ ही उनका यह कहना था कि इस मामले में उनके हाथ बंधे पड़े हैं क्योंकि कब्जा करने वाले के लिए उनके ऊपर एक MLA का डंडा है जिसके चलते वो इस मामले में असहाय हो कुछ नहीं कर पा रहे हैं। अब MLA की संलिप्तता/प्रेशर को लेकर तोड़फोड़ विभाग के अधिकारियों की बातों में कहां तक सच्चाई है, ये तो वो ही जाने।
NIT के NH-1G/WH/87 निवासी दान सिंह ने सरकारी जमीन पर हो रहे इस अवैध कब्जे व निर्माण को लेकर 13 जनवरी को नगर निगम कमिश्नर, जिला उपायुक्त और पुनर्वास विभाग के तहसीलदार सेल्स को लिखित शिकायत कर रखी है, जिसकी Reciving भी उसके पास है, बावजूद इसके सभी अधिकारी इस मामले में अवैध कब्जाधारी की धींगामस्ती के आगे नतमस्तक हुए बैठे सरकारी जमीन पर कब्जा होता देख रहे हैं। वहीं शिकायतकर्ता दान सिंह का कहना है कि यदि संबंधित अधिकारियों ने उनकी शिकायत पर एक-दो दिन में कार्यवाही नहीं की तो वो इस मामले में CM विंडो में शिकायत करने के साथ-साथ 15 फरवरी को होने वाली ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में भी इस मुद्दे को उठाएंगे।
शिकायतकर्ता दान सिंह का यह भी कहना है कि कब्जाधारी खुलेआम कहता है कि उसके पास चांदी का जूता है जो उसने निगम के तोड़फोड़ अधिकारियों और पुनर्वास विभाग के अधिकारियों का मार रखा है, इसलिए जिससे जो करा जाए वो कर ले। उसका काम और कब्जा किसी कीमत पर नहीं रुकेगा।
अब देखना यह है कि संबंधित अधिकारी इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं।
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