मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़/फरीदाबाद, 21 फरवरी: यदि किसी प्राईवेट स्कूल ने 134ए के तहत गरीब बच्चों को दाखिला देने से इंकार किया तो उसके खिलाफ खिलाफ माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना करने पर कार्रवाई कराई जाएगी। यह कहना है स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार का। श्री परमार ने बताया कि नियम 134ए का शेडयूल जारी करने के साथ ही मौलिक शिक्षा निदेशालय ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी निजी स्कूल ने दाखिले से इंकार किया या आनाकानी की तो उसके खिलाफ हरियाणा एजुकेशन एक्ट के तहत स्कूल की मान्यता वापस ली जाएगी। इसी के साथ जिला स्तर व ब्लॉक स्तरीय कमेटी भी बच्चों के दाखिला संबंधी मामलों में निर्णय लेगी।
बृजपाल परमार ने बताया कि नियमों की जानकारी व शेडयूल का पता नहीं होने की वजह से हर साल लाखों बच्चे नियम 134ए में दाखिला से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी करीब सवा तीन लाख दाखिलों की वैकेंसी थी, मगर अभी तक करीब एक लाख, 46 हजार बच्चों के ही मुफ्त दाखिले हुए। उन्होंने बताया कि नियम 134ए के तहत कम बच्चों के दाखिला में सरकार की नीति और शिक्षा अधिकारियों की नियम में खोट रहा है, यही वजह है कि गरीब बच्चों को उनका मौलिक शिक्षा का अधिकार से वंचित रहना पड़ा। मगर इस बार मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए शेडयूल में सभी खाली सीटों पर गरीब बच्चों के दाखिले कराएं जाएंगे
ध्यान रहे कि हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेशभर के करीब 8600 मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत कक्षा दूसरी से 8वीं तक मुफ्त दाखिलों का शेड्यूल जारी कर दिया है। मौलिक शिक्षा निदेशालय के शेड्यूल के हिसाब से इस बार 25 फरवरी से 20 मार्च तक नियम 134ए के तहत दाखिलों के फार्म ऑनलाइन भरे जाएंगे। जबकि 12 अप्रैल को दाखिला के लिए असेसमेंट टेस्ट होगा। दाखिले का पहला ड्रा 18 अप्रैल को जारी किया जाएगा। इसके उपरांत 20 से 28 अप्रैल तक पहले ड्रा के तहत नियम 134ए के बच्चों के दाखिले निजी स्कूलों में होंगे।
बृजपाल परमार ने बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली 2003 एवं 2013 के अनुसार नियम 134ए के तहत अब तक प्रदेशभर में करीब एक लाख, 46 हजार गरीब बच्चों के दाखिले निजी स्कूलों में हुए थे। इस बार भी स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन प्रदेशभर में जिला व ब्लॉक स्तर पर कैंप लगाकर गरीब बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिले कराएगा और अभिभावकों के आवेदन संबंधी जानकारी कैंपों में उपलब्ध कराएगा।