मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट
चंडीगढ़, 1 मार्च: नागरिकता प्रमाण पत्र यानि NRC का यह कैसा कानून है जोकि देश-प्रदेश की जनता पर तो लागू होता है, लेकिन अपने ऊपर नहीं। यह कहना है हरियाणा के RTI एक्टिविस्ट पीपी कपूर का जिन्होंने इस संबंध में आरटीआई लगाकर सरकार से जवाब मांगा था।
RTI एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि प्रदेश सरकार एक तरफ तो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) व NRC के समर्थन में रैलियां कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकार के पास अपने नागरिकता प्रमाण पत्र ही नहीं हैं। श्री कपूर के मुताबिक उन्होंने इस संबंध में गत् 20 जनवरी को मुख्यमंत्री सचिवालय में आरटीआई आवेदन लगाकर सीएम मनोहरलाल खट्टर व उनके सभी मंत्रीमंडल सहयोगी मंत्रियों और राज्यपाल के भारतीय नागरिक होने के सबूतों की छाया प्रति मांगी थी। लेकिन हरियाणा सरकार के पास मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उनके मंत्रियों तथा राज्यपाल के भारतीय नागरिक होने का कोई सबूत मौजूद नहीं है। मुख्यमंत्री सचिवालय ने यह सूचना निर्वाचन आयोग के पास होने की संभावना व्यक्त करते हुए इस बारे आरटीआई आवेदन को वापिस लौटा दिया है।
सीएम सचिवालय की जन-सूचना अधिकारी एवं अधीक्षक पूनम राठी ने इस आरटीआई के जवाब में 17 फरवरी को लिखे अपने पत्र द्वारा बताया कि यह सूचना उनके पास रिकार्ड में नहीं है। मांगी गई सूचना निर्वाचन आयोग के पास उपलब्ध होने की सम्भावना व्यक्त करते हुए आरटीआई आवेदन को कपूर को वापिस लौटा दिया।
श्री कपूर ने मुख्यमंत्री सचिवालय के राज्य सूचना अधिकारी के इस जवाब पर हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि जिनके अपने नागरिकता के प्रमाण पत्रों के रिकार्ड मौजूद नहीं हैं वो पूरे प्रदेश व देश की 135 करोड़ जनता से सबूत मांग रहे हैं।