मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 9 मई: DLF इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा ने मौजूदा समय में MSME सैक्टर के समक्ष आ रही वित्तीय समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए इस संबंध में बैंकों व वित्तीय संस्थानों को यह निर्देश देने का आग्रह किया है कि वह MSME सैक्टर को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने में तत्परता से कार्य करें।
श्री मल्होत्रा के अनुसार लॉक डॉउन के दौरान उद्योगों में कार्य आरंभ करने की प्रक्रिया में काफी समस्याओं का सामना उद्योगों को करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि बैंक
MSME इकाइयों को वित्तीय सहायता देने से संकोच कर रहे हैं जबकि आंकड़े स्पष्ट करते NPA रेट 20 प्रतिशत की तुलना में 12 प्रतिशत ही था।
श्री मल्होत्रा के अनुसार MSME सैक्टर को 18,00,000 करोड़ रूपए के के्रडिट देने की व्यवस्था की जानकारी भी मिली है, जोकि बड़े उद्योगों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता का एक तिहाई ही है।
श्री मल्होत्रा के अनुसार आवश्यकता इस बात की है कि एमएसएमई सैक्टर के लिए एक स्पष्ट नीति क्रियान्वित की जाए और वित्तीय संस्थानों तथा बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि वे एमएसएमई सैक्टर की मांग के अनुरूप उन्हें तत्परता से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएं।
श्री मल्होत्रा के अनुसार एमएसएमई सैक्टर को वर्तमान में श्रमिकों का वेतन, संस्थान में मेंटेनेंस, बिजली और एनर्जी बिल देने के लिए वित्त की काफी आवश्यकता है, ऐसे में यदि एमएसएमई सैक्टर को वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाती तो इस सेक्टर के समक्ष आर्थिक चुनौतियां और अधिक बढ़ जाएंगी जिससे निपटना कठिन नहीं असंभव होगा।
श्री मल्होत्रा ने बताया कि उद्योगों में उत्पादन पुन: आरंभ करने से पहले एमएसएमई सैक्टर को संस्थान में मेंटेनेंस का कार्य करना है, सैनिटाइजेशन पर ध्यान देना है और इसके साथ सोशल डिस्टेंस के लिए कार्य करते हुए स्वच्छता संबंधी प्रावधानों पर ध्यान दिया जाना जरूरी है और इन सब कार्यों के लिए भी वित्तीय सहायता आवश्यक है।
श्री मल्होत्रा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से भी आग्रह किया है कि वह एमएसएमई सैक्टर को पुन: आरंभ करने के लिए स्मार्ट पैकेज की घोषणा करें। उन्होंने इसके साथ-साथ श्रमिकों के अप्रैल माह का वेतन जोकि एमएसएमई सैक्टर के लिए एक बड़ी समस्या है, पर ध्यान देने और इसे ईएसआईसी या अन्य फंड द्वारा देने की मांग भी की है।
श्री मल्होत्रा के अनुसार एमएसएमई सैक्टर के लिए सरकार द्वारा जो नीतियां घोषित की गई है, उन्हें तुरंत प्रभाव से क्रियान्वित किया जाना चाहिए ताकि लॉक डाउन के कारण बंद औद्योगिक गतिविधियां को पुन: आरंभ कराने की योजना को वास्तविकता में मूर्त रूप मिल सके।
इस मौके पर श्री मल्होत्रा ने डीएलएफ इंडस्ट्रियल एसोसिएशन व कंफरडेशन ऑफ फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से भी उद्योगों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु प्रभावी पग उठाने का आग्रह किया है।
श्री मल्होत्रा का मानना है कि इससे जहां रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, वहीं पलायन कर रहे श्रमिकों को भी रोका जा सकेगा। श्री मल्होत्रा ने इसके साथ-साथ एसोसिएशन के सभी सदस्यों व उद्योग प्रबंधकों से भी आहवान किया है कि वे अपने संस्थानों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सुरक्षा प्रबंधों पर ध्यान दें और सैनिटाइजेशन तथा सुरक्षा संबंधी अन्य मानक अवश्य अपनाएं।
एसोसिएशन के महासचिव विजय राघवन ने श्री मल्होत्रा की मांग व विचारों का समर्थन करते हुए जिला उपायुक्त यशपाल यादव के उन निर्देशों का स्वागत किया है जिसमें कहा गया है कि जब जिला स्तरीय की टीम किसी उद्योग में विजिट करती है तो उसके साथ स्थानीय एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं।
सर्वश्री जेपी मल्होत्रा व विजय राघवन के अनुसार जिला उपायुक्त का यह निर्णय परस्पर विश्वास को बढ़ाएगा और प्रशासन तथा उद्योग प्रबंधक पुलिस व चिकित्सा वर्ग के सहयोग से कोरोना वायरस से निपटने में निश्चित रूप से सफल रहेंगे।