FFRC चेयरमैन ने वसूली गई बढ़ी फीस को एडजस्ट कर ट्यूशन फीस का ब्रेकअप देने के आदेश जारी किए।
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फ़रीदाबाद, 9 जुलाई: CBSE स्कूलों की संस्था हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस (HPSC) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष सुरेश चंद्र ने शासन-प्रशासन के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाते हुए कह दिया है कि जो अभिभावक फीस जमा नहीं कराएंगे उनके बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज बन्द कर दी जाएंगी। यहीं नहीं, साथ में यह भी फरमान जारी कर दिया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल तब तक अपने यहां छात्र को एडमिशन नहीं देगा, जब तक वो पुराने स्कूल से फीस जमा संबंधी NOC नहीं ले लेता।
वहीं चेयरमैन FFRC एवं कमिश्नर डिवीज़न द्वारा भेजे गए नोटिसों को हल्के में लेना स्कूल प्रबंधकों पर भारी पड़ सकता है। बुधवार, 8 जुलाई को चेयरमैन FFRC ने सख्त कदम उठाते हुए सभी स्कूल प्रबंधकों से नियमों का उल्लंघन करके वसूली गई बढ़ी हुई फीस को आगे की फीस में एडजस्ट करने, ट्यूशन फीस का ब्रेकअप देने और फीस न देने पर छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई बंद न करने के आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों का पालन न करने पर दोषी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की हिदायत भी दी है। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इसे देर से उठाया हुआ कदम बताते हुए अरावली, DPS-81 सहित अन्य स्कूलों के अभिभावकों से जिन्होंने अप्रैल-मई-जून की बढ़ी हुई फीस जमा करा दी है, कहा है कि उसे जुलाई की फीस में एडजस्ट करवाएं और जिन्होंने फीस जमा नहीं कराई है उसे नियमानुसार व ट्यूशन फीस का ब्रेकअप मिल जाने पर फीस जमा कराएं। आगे भी सिर्फ ट्यूशन फीस मासिक आधार पर ही जमा करें। आर्थिक कारणों से जो अभिभावक फीस जमा कराने में असमर्थ हैं वे फीस माफ करने या आगे देने का निवेदन पत्र स्कूल प्रबंधक को दें। अगर स्कूल प्रबंधक ऐसा ना करें तो उसकी शिकायत तुरंत चेयरमैन FFRC व मंच से करें।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व संरक्षक सुभाष लांबा ने स्कूल प्रबंधकों से कहा है कि वे पिछले 6 महीने जनवरी से जून 2020 तक अभिभावकों से वसूली गई हर तरह की फीस, अन्य आमदनी व अध्यापक, स्टॉफ को दी गई तनख्वाह व अन्य मदों में खर्च की गई रकम का ब्यौरा सार्वजनिक करें जिससे उनके स्कूल के अभिभावकों के साथ-साथ आम जनता को भी पता चल सके कि उन्होंने कितनी आमदनी की है और कितना खर्चा किया है। स्कूल प्रबंधक रिजर्व व सरप्लस फंड का भी ब्यौरा दें। ऐसा ना होने पर मंच यह जानकारी RTI के माध्यम से प्राप्त करने की कोशिश करेगा।
मंच ने कहा है कि स्कूल प्रबंधकों ने अधिकांश अभिभावकों से डरा-धमकाकर बढ़ी हुई फीस वसूल ली है, अब अभिभावक वसूली गई बड़ी फीस को आगे की फीस में एडजस्ट कराना चाहते हैं।लेकिन स्कूल प्रबंधक ऐसा नहीं कर रहे हैं। इसकी शिकायत अभिभावकों ने चेयरमैन फीस एंड फंड्स रेगुलेटरी कमेटी से की है। जो थोड़े बहुत अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं उन्होंने स्कूल प्रबंधक को लिख कर दिया है कि वे गत वर्ष की ट्यूशन फीस देने को तैयार है । स्कूल वालों ने ट्यूशन फीस में जो अन्य फंडों को मर्ज कर दिया है, अभिभावक उसका ब्रेकअप मांग रहे हैं जो स्कूल प्रबंधक नहीं दे रहें हैं। ऐसे अभिभावकों ने भी चेयरमैन फर से शिकायत की है जिन FFRC पर संज्ञान लेते हुए अब चेयरमैन ने यह सख्त आर्डर निकाले हैं। स्कूल प्रबंधक यह अफवाह फैला करके कि अभिभावक फीस जमा नहीं करा रहे हैं जोकि पूरी तरह से गलत है। ऐसा करके वे इमोशनल ब्लैकमेल कर रहे हैं।
मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार जोशी व सचिव डॉ. मनोज शर्मा ने कहा है कि जिन अभिभावकों ने जायज कारणों से फीस जमा नहीं कराई है स्कूल प्रबंधक उनकी ऑनलाइन क्लास बंद करने, उनका नाम काटने की धमकी दे रहे हैं।
इसके अलावा जिन अभिभावकों ने गत शिक्षा सत्र की मार्च 2020 तक की फीस जमा करा दी है और जो अब सरकारी या अन्य स्कूल में अपने बच्चे का दाखिला कराना चाहते हैं, स्कूल प्रबंधक उसको टीसी नहीं दे रहे हैं। टीसी देने की एवज में अप्रैल मई-जून की फीस मांग रहे हैं। ऐसा करके स्कूल प्रबंधक उच्चतम न्यायालय के दिए गए निर्णय , शिक्षा का अधिकार कानून और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के नियम कानून का उल्लंघन कर रहे हैं।
शिवकुमार जोशी ने कहा है कि स्कूल प्रबंधक ने किसी भी छात्र के साथ ऐसा किया तो मंच उनके खिलाफ प्रशासनिक , लीगल स्तर पर उचित कार्रवाई करेगा और जरूरी हुआ तो छात्र के भविष्य से खिलवाड़ करने उसे हरासमेंट करने का मुकदमा दायर करेगा।
कुल मिलाकर अब HPSC और FFRC उपरोक्त मामलों को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। अब देखना यह है कि जीत HPSC की होती है या फिर FFRC कम कमिश्नर डिवीज़न की।