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शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों के नियम कानून पूरी तरह से विफल: आइपा

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 20 जुलाई:
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (आईपा) ने कहा है कि सरकारी शिक्षा के प्रति अभिभावकों को आकर्षित करने के लिए सभी सरकारी कॉलेज व स्कूलों को हाईटेक बनाया जाए और उनमें अध्यापकों की कमी को दूर करते हुए सभी जरूरी संसाधन मुहैया कराए जाएं। आइपा इस मिशन को पूरा करने के लिए पूरे देश में सरकारी शिक्षा बचाओ अभियान चलाएगी जिसके तहत आईपा के सदस्य सरकारी कालेज व स्कूलों में जाकर वहां की जर्जर व कंडम हो चुकी बिल्डिंग व कमरों काम उनमें अध्यापकों व जरूरी संसाधनों की कमी की जानकारी प्राप्त करके सबसे पहले सरकार से इस पर उचित कार्रवाई करने की मांग करेंगे। कार्रवाई न होने पर न्यायपालिका का सहारा लेंगे। यह निर्णय आइपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ऑनलाइन जूम मीटिंग में लिया गया। मीटिंग की अध्यक्षता आईपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने की व संचालन आर वेकटरेड्डी व धनासिरी प्रकाश ने किया।
मुख्य वक्ता शांता सिन्हा पूर्व चेयरपर्सन एनसीपीसीआर ने अशोक अग्रवाल के नेतृत्व में आईपा द्वारा राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर छात्र, अभिभावक व अध्यापक संगठनों को एकजुट व जागरूक करने के लिए चलाए जा रहे जन-आंदोलन को अपनी शुभकामनाएं प्रदान करते हुए अपने अनुभव का लाभ आईपा को देने का आश्वासन दिया।
आइपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश शर्मा, राष्ट्रीय संगठन सचिव सुभाष लांबा ने मीटिंग में लिए गए अन्य निर्णय के बारे में बताया कि शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने जितने भी नियम कानून दिशा व निर्देश बनाए हैं वह अपने उद्देश्य को लेकर पूरी तरह से विफल हुए हैं।
आईपा की ओर से केंद्र सरकार से मांग की गई है कि बनने जा रही नई शिक्षा नीति में प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में वैधानिक फीस संरचना, दाखिला पॉलिसी, पूरे देश में एक जैसी समान शिक्षा, सभी को शिक्षा मिलने, हर साल प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के खातों की जांच व ऑडिट सीएजी से कराने, शिक्षा का व्यवसायीकरण करने वालों के खिलाफ दंड का प्रावधान होने के नियम, कानून व दिशा निर्देश नई शिक्षा नीति में होने चाहिए।
अशोक अग्रवाल ने मीटिंग के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकारों से मांग की है कि देश में बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए किसी भी हालत में शिक्षण संस्थानों को नहीं खोलना चाहिए। उन्होंने शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगवाने व सरकारी शिक्षा में सुधार कराने के पुनीत कार्य में लगे हुए लोगों से आईपा से जुड़कर इसको मजबूत करने की अपील की है।
बैठक में सभी राज्यों में व प्रत्येक जिले में आइपा की टीम गठित करने का निर्णय लिया गया। जिसमें महिलाओं की संख्या 50 प्रतिशत रखी जाएगी।
मीटिंग में हरियाणा, पंजाब, कश्मीर, राजस्थान, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्लीए उड़ीसा, आंध्र प्रदेश आदि राज्य के प्रतिनिधि सुधा झा, आसमा गोनी, अभिषेक रंजन, मैडम श्रीशा, नुरुलहक, कृष्णकांत, सुधीर सपरा, धर्मेश मिश्रा, प्रदिप्तानायक, अलोकरोय, श्रीनिवास रेड्डी, उमेश कुमार, सुजीत घोष, जयामोयोंग आदि ने भाग लेकर अपने विचार प्रकट किए।


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