मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 24 अगस्त: फरीदाबाद नगर निगम के सबसे ज्यादा विवादास्पद अधिकारी बताए जाने वाले संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान के खिलाफ निगम कर्मचारियों ने विद्रोह का बिगुल बजा दिया है। अक्सर किसी ना किसी से झगड़ा करने और बद्तमीजी करने शायद इस अधिकारी ने महारत हासिल कर रखी है। मजदेार बात तो यह है कि प्रदेश सरकार द्वारा इसका यहां से तबादला किए जाने के बावजूद माननीय हाईकोर्ट से तबादले पर स्टेे लेकर यह अधिकारी यहां जमा क्यों बैठा हैं, इसका खुलासा हम अपनी अगली खबर में करेंगे।
फिलहाल फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान द्वारा नगर निगम के दो कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करने और गालीगलौच तक किये जाने के विरोध में निगम के तीनों जोनों के कर्मचारी कल 25 अगस्त को पैन डाउन टूल डाउन करके हड़ताल पर जा रहे हैं। म्युनिस्पिल कारपोरेशन ईम्पलाईज फैडरेशन के कार्यकारी प्रधान शाहाबीर खान, महासचिव महेन्द्र चौटाला, कार्यालय कर्मचारी यूनियन के प्रधान नरेश बैंसला, मकैनिकल वर्करज यूनियन के प्रधान रमेश पहलवान आदि फैडरेशन नेताओं ने निगम कर्मचारियों को आह्वान किया है कि कर्मचारियों के मान-सम्मान के रक्षा की खाातिर किये जाने वाले इस संघर्ष में वे बढ़-चढ़ कर भाग लें। इससे पूर्व इसी अधिकारी के द्वारा निगम कर्मचारियों की गलत तरीके से लगाई गई अनुपस्थिति के विरोध में निगम मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए इस अधिकारी के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
उन्होंने बताया कि निगम के एनआईटी जोन के संयुक्त आयुक्त की बेहूदापूर्ण हरकतों से जुड़ी अनेकों घटनायें और अपनी सीमाओं से परे जाकर के आदेश पारित किये जाने के कारण न केवल निगम की आम जनता में बदनामी हो रही है बल्कि निगम के कर्मचारी व अधिकारी भी उनकी इन हरकतों से परेशान हैं।
उन्होंने बताया कि आज 24 अगस्त को सुबह एक बैठक के दौरान संयुक्त आयुक्त अटकान ने सभी मर्यादाओं को ताक पर रखकर के निगम के आईटी विंग में कार्यरत अक्षय कुमार व मुकेश नामक प्रोग्रामर के साथ गालीगलौच की और जूते मारने तक की बात कही, जिसके परिणामस्वरूप निगम कर्मचारियों में भारी गुस्सा है।
इतना ही नहीं इस अधिकारी ने अपनी गलती को कवर करने के लिए इन कर्मचारियों के विरूद्ध एफआईआर तक दर्ज करने की लिखित धमकी इन्हें दी है। उन्होंने बताया कि माननीय पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के द्वारा इस अधिकारी को स्थानांतरण के विरूद्ध स्थगनादेश दिया हुआ है, उसका मतलब नहीं है कि यह अधिकारी अपनी सीमाओं का अतिक्रमण करके गैर-कानूनी काम करते हुए कर्मचारियों के साथ गाली गलौच की भाषा में बात करेगा।
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