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…जब MCF को कटघरे में खड़ा किया सरकार के निगरानी समिति प्रमुख ने ही!

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फ़रीदाबाद, 13 सितंबर:
नगर निगम फ़रीदाबाद के तोड़फोड़ विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली की बदौलत सरकार को बदनामी झेलनी पड़ रही है। उक्त उदगार व्यक्त करते हुए बड़खल विधानसभा निगरानी समिति के प्रमुख आनन्दकान्त भाटिया ने कहा कि नगर निगम प्रशासन आम लोगों में प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने में लगा हुआ है। मूलभूत सुविधाओं के नाम पर अधिकारी कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर करों की वसूली, लाइसेंस जारी करने वाले विभाग और खासतौर पर नगर निगम का तोड़फोड़ विभाग पूरी तरह से भ्रष्ट होने के चलते और अपने मनमाने रवैया की वजह से प्रदेश सरकार का गलत संदेश जनसाधारण में पहुंचाने का कुप्रयास कर रहा है। यदा कदा दिखाने के लिए अथवा किन्हीं माननीय न्यायालय के आदेशों की अनुपालन के चलते हैं इस विभाग द्वारा तोड़फोड़ की खानापूर्ति कर ली जाती है जबकि वास्तविकता में इस विभाग के अधिकारियों द्वारा तोड़फोड़ की आड़ में प्रति माह न केवल लाखों रुपए अपने निजी जेबों में भरे जा रहे हैं, अपितु सरकार को भारी राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
आनंदकान्त भाटिया ने निगम प्रशासन के प्रति बगावती तेवर अपनाते हुए कहा कि यदि ऐसा न होता तो स्थानीय गोल्फ क्लब के सामने सभी नियमों को ताक पर रख 5 मंजिला इमारत न बनी होती, न ही सील करवाई गई इस इमारत में काम ही हो रहा होता।
ऐसा ही हाल NIT में 6 अगस्त को निगम द्वारा तोड़ी गई 5G/53 बिल्डिंग का है। रिहायशी नक्शा पास कराकर कमर्शियल बिल्डिंग बनाये जाने की एवज में यहां निगम के एक अधिकारी पर 15 लाख रुपए निगमायुक्त के नाम पर लेने के आरोपों के बाद निगमायुक्त ने इस बिल्डिंग में तोड़फोड़ करवा दी थी। उस समय मौके पर मौजूद जॉइन्ट कमिश्नर प्रशान्त अटकान ने बिल्डिंग का नक्शा दिखाते हुए कहा था कि बिल्डिंग मालिक ने नक्शे में फ्रॉड किया हुआ है, जिसका कारण उन्होंने बताया था कि रिहायशी नक्शे में चालाकी से कमर्शियल प्लान पास करवाया हुआ है जोकि फ्रॉड है। बावजूद इसके आज वहां फिर से बहुमंजिला इमारत का कमर्शियल निर्माण कार्य हरे पर्दे की आड़ में दिन-रात तेजी से चल रहा है। इसका जवाब भी किसी के पास नहीं है।
भाटिया ने बताया कि कमोबेश यही हाल काली माता मंदिर के सामने 1F-42 पर रिहायशी नक्शा पास करवा वाणिज्य भवन बनवा कर करवाया जा रहा है। इतना ही नहीं संयुक्त आयुक्त द्वारा इस इमारत को सील करने के बावजूद दोनों तरफ से सीढ़ियां लगाते हुए दिन-रात काम करवाया जा रहा है।
वहीं 1B-7A का शिकायतकर्ता तो विभिन्न माध्यमों से लगभग प्रतिदिन ही शिकायत दर्ज करवा रहा है और जिसे उनके द्वारा द्वारा स्वयं तोड़फोड़ विभाग के वर्तमान संयुक्त आयुक्त, SDO एवं JE और निगमायुक्त तक उनके व्हाट्सएप के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है लेकिन इन कामों को संयुक्त आयुक्त द्वारा न रुकवाया जाना स्पष्ट तौर पर नगर निगम के इस विभाग के पूरी तरह भ्रष्ट होने की तरफ इंगित/इशारा करता है।
आनंदकान्त भाटिया ने आगे कहा कि प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल खट्टर द्वारा प्रदेश की जनता को CM विंडो जैसे सशक्त हथियार जिस नियत और बेहतरी के लिए दिए थे, नगर निगम के तोड़फोड़ विभाग ने उसको भी दरकिनार करते हुए शिकायतों पर कार्रवाई करना तो दूर उल्टा निर्माणकर्ताओं को उनके विरुद्ध मिलने वाली ऐसी शिकायतों की एवज में अधिक धन वसूली करना आरंभ कर दिया है।
निगरानी समिति प्रमुख होने का अपना दायित्व निभाते हुए दिनांक 28/08/2020 को मुख्यमंत्री, निकाय मंत्री, OSD (सीएम विंडो), उपायुक्त फरीदाबाद के साथ-साथ निगमायुक्त और संयुक्त आयुक्त (टाउन) को लिखित शिकायत देते हुए यह बताया की हाल में भी नगर निगम के पास कुल बकाया CM विंडो शिकायतों में से 70 से अधिक शिकायतें केवल तोड़फोड़ विभाग एवं अवैध निर्माणों और कब्जों को लेकर लंबित चली आ रही हैं! इससे नगर निगम के इस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और सीएम विंडो पर लगाए गए नोडल अधिकारी जो स्वयं इस विभाग के सर्वेसर्वा हैं की नियत और नियति स्पष्ट हो जाती है। पूर्व में उपायुक्त फरीदाबाद द्वारा सीएम विंडो पर नियुक्त किए गए विशिष्ट व्यक्तियों और अधिकारियों के साथ बैठकें लेने की प्रथा थी जोकि गत 10 माह से संभव ही नहीं हो पाई है और शायद इसी कारण अधिकारी पूरी तरह बेख़ौफ़ हो चुके हैं।
भाटिया ने आगे कहा कि इतना ही नहीं पूर्व से चली आ रही सूचना के अधिकार के अधिनियम के तहत दी जाने वाली जानकारियों भी आवेदकों को नहीं दी जा रही हैं, जोकि गलत ठहराने योग्य है। आए दिन नगर निगम द्वारा बाजारों को व्यवस्थित करने व अन्य कारणों से तोड़फोड़ कर एक अलग तरह का दहशत का माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है जोकि आम जनमानस में प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने जैसा है और जिसे भाजपा कार्यकर्ताओं होने व इस शहर का बाशिंदे होने के नाते कभी भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के उच्च पदाधिकारियों को समय-समय पर अपनी विधानसभा के साथ-साथ जिले में चल रही सरकार विरोधी नीतियों से अवगत करवाया जाता है। भाटिया ने कहा कि मेरा मानना है कि शायद मुख्यमंत्री तक उनका सतर्कता विभाग, मुख्यमंत्री उड़नदस्ता और अपराध जांच विभाग (CID) भी नगर निगम के इस विभाग की स्पष्ट और पूरी जानकारी नहीं पहुंचा पा रहा है जो कि अपने दायित्व को न निभाने और सरकार को अंधकार में रखना कहलाया जाने योग्य है। भाटिया ने यह भी जोड़ा कि कहीं न कहीं स्थानीय मीडिया और समाजसेवी संस्थाएं भी अपनी भूमिका निभाने में नाकामयाब रही हैं, अन्यथा नगर निगम के इस विभाग के अधिकारियों की इतनी जुर्रत कभी भी न रहती कि वे इस बहुतायत तक भ्रष्टाचार फैला सकते, जबकि ऊपर सरकार में ईमानदार मुख्यमंत्री, विभाग का मंत्री, लोकसभा का सांसद, विधायक बैठे हुए हों।
उन्होंने कहा कि अपनी निष्ठावान और ईमानदार प्रदेश सरकार को किसी प्रकार का नुक़सान न पहुंचे इसलिए बड़खल विधानसभा के मौजूदा हालत, आम जनमानस को झेलनी पड़ रही परेशानियों, अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार और न मिल सकने वाली जन सुविधाओं का एक विस्तृत ब्यौरा मुख्यमंत्री और निकाय मंत्री महोदय के पास प्रेषित कर दिया गया है।


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