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भारतीय मुक्केबाजी महासंघ पर काली छाया, अध्यक्ष अजय सिंह पर लगे एक बार फिर COVID की आड़ में चुनाव टालने के आरोप!

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद/गुरुग्राम, 11 दिसम्बर:
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) पर लगता है कि किसी की काली छाया पड़ गई है। शायद यही कारण है कि भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के 18 दिसंबर को गुरूग्राम में होने वाले चुनाव एक बार फिर टाल दिए गए हैं। और इसको स्थगित करने के लिए बहाना बनाया गया है कोरोना महामारी को। यह चुनाव सितंबर से पहले किए जाने थे।
जानकारी के मुताबिक इस वर्ष भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के चुनावों के लिए चुनावी स्थल गुवाहाटी चुना गया जहां पर फिर से अनियंत्रित सौदेबाजी और धोखे की आशंका हो सकती थी। इसलिए अध्यक्ष पद के दावेदार रोहित जैनेन्द्र जैन जिनका मुक्केबाजी संघ के साथ पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से जुड़ाव है, ने इसके विरुद्ध आवाज उठाई और चुनाव का केंद्र गुरुग्राम (NCR) करवाया था। इस चुनाव के लिए 6 दिसंबर को सभी दावेदारों ने नामांकन दाखिल कर दिया था। श्री जैन ने भी तय तिथि पर अपना अध्यक्ष प़द के लिए नामांकन दाखिल कर दिया था। परंतु देर रात 7 दिसंबर, 2020 को एक पत्र के माध्यम से वर्तमान अध्यक्ष अजय सिंह ने अपने सदस्यों को जानकारी दी थी कि चुनाव कार्यक्रम को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है।
बकौल रोहित जैनेन्द्र जैन यह हैरानी की बात है कि अजय सिंह के इस पत्र में सदस्यों को चुनावों के स्थगन की बात तो की गई, परंतु 17 दिसंबर को होने वाली पूर्व निर्धारित EC मीटिंग के स्थगन के विषय में कुछ नहीं लिखा गया। इसके अतिरिक्त चुनावी प्रक्रिया जैसे उम्मीदवारों के नाम का प्रकाशन या नाम वापस लेना, यहां तक कि उम्मीदवारी के लिए जमा पत्र आदि की जांच की प्रक्रिया के विषय में भी किसी परिवर्तन की बात नहीं की गई और ना ही रिटर्निंग ऑफिसर ने इसका कोई जबाव दिया। वहीं 5 तथा 6 दिसंबर को कोई भी रिटर्निंग ऑफिसर BFI के कार्यालय में उपलब्ध नहीं थे।
विरोधी दल का नेतृत्व कर रहे दिल्ली मुक्केबाजी के अध्यक्ष रोहित जैनेंद्र जैन को इन चुनावों के स्थगन में कुछ शंकाएं नजर आ रही हैं। उन्होंने बताया कि सन 2016 के चुनावों में अजय सिंह ने ज्यादातर राज्यों के संघों को 2 दिन पहले मुंबई के पांच सितारा होटल में बुलाकर ठहराया था। उन्हें इस बात पर पूर्ण शंका है कि वहां पर किसी प्रकार की सौदेबाजी को अंजाम दिया गया था। इस वर्ष फिर से अजय सिंह ने सभी सदस्यों को नवंबर के दूसरे सप्ताह तथा दिसंबर माह के पहले सप्ताह में दो बार दिल्ली बुलाया।
श्री जैन के मुताबिक वे यह समझने में असफल हैं कि यदि कोरोना दुष्प्रभावों से वे इतने भयभीत हैं तो इतनी बार दिल्ली में सदस्यों को क्यों बुलाया गया? ऐसा लगता है कि अजय सिंह को अपनी असफेलता का अनुमान होने लगा है और वे आगामी चुनावों में देरी करने के लिए धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। नवंबर के महीने में बिहार, हैदराबाद में विधानसभा चुनाव हुए हैं और राष्ट्रीय खेल महासंघ जैसे हॉकी, टेनिस, एथलेटिक्स और नेट बॉल आदि ने पिछले तीन-चार महीने में चुनाव आयोजित करवाए यदि वे चुनाव का आयोजन करवा सकते हैं तो बीएफआई क्यों नहीं?
श्री जैन को लगता है कि उनके नेतृत्व में विपक्ष को हार का सामना करना पड़ सकता है इसलिए अजय सिंह अपनी शक्तियों का प्रयोग करके अनुचित प्रथाओं का सहारा ले रहे हैं। ऐसी कई कहानियां राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) के कई हिस्सों में व्याप्त हैं और इस प्रकार अनियंत्रित होने वाली और गलत कार्यों की वजह से अंत में हमारे खिलाडिय़ों और एथलीट को ही हानि उठानी पड़ती है। ये वहीं लोग हैं जो वास्तव में सत्ता की भूख में और कुछ मुट्ठीभर लोगों के कारण संघर्ष का सामना करते हैं। यह देखा गया है लंबे समय से किसी भी अंतर्राष्ट्रीय खेल में पदक नहीं जीतना इस बात की गवाही है कि यह लोग केवल अपने पद और प्रतिष्ठा को बचाने के अतिरिक्त कुछ नहीं कर रहे और ना ही खेल के विकास में किसी प्रकार का योगदान दे रहे हैं।
चुनाव की पूरी प्रक्रिया में आशीष शेलार (पूर्व खेल मंत्री महाराष्ट्र), भाजपा विधायक, बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र का भी नाम सामने आया हैं। यह एक तीन मजबूत दावेदारों की हाई-प्रोफाइल लड़ाई लगती है, और ऐसा लगता है इन सब में रोहित जैनेन्द्र जैन एक पंसदीदा विकल्प माने जा रहे हैं।
अपनी नाराजग़ी व्यक्त करते हुए रोहित जैनेन्द्र जैन ने आश्वासन दिया है कि चुनाव कार्यक्रम तय तिथि पर ही होंगें। इसके लिए उन्होंने युवा और खेल मंत्रालय (MYAS) को भी लिखा है। और यदि इससे जुड़ी शिकायतों के निवारण के लिए कानूनी सहायता भी लेनी पड़े तो भी वे तैयार हैं।

रोहित जैनेन्द्र जैन, बॉक्सिंग फेडरेशन के अध्यक्ष पद के लिए 6 दिसंबर को नामांकन दाखिल करते हुए।


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