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MCF को काले काजल की कोठरी मानने वाले अधिकारी बेदाग हो फिर बने डिप्टी कमिश्रर!

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 6 जनवरी:
निगमायुक्त डॉ. यश गर्ग नगर निगम फरीदाबाद को काजल की एक काली कोठरी मानते थे जिसमें से बेदाग होकर निकलना नामुमकिन था। लेकिन डॉ. गर्ग इस कोठरी में बेदाग होकर ही निकलना चाह रहे थे। उनकी इच्छा नहीं थी कि वो यहां रहें जिसके चलते सरकार ने उनके मन को देखते हुए उन्हें अब अमित खत्री के स्टडी लीव पर विदेश जाने के चलते उनकी मुराद पूरी करते हुए उन्हें अब नगर निगम फरीदाबाद से निजात दिलाते हुए गुरूग्राम के जिला उपायुक्त की जिम्मेदारी सौंपी है।
निगम को काजल की कोठरी मानने का उनका कारण यह था कि नगर निगम में शायद ही कोई ऐसा कोना हो जहां से भ्रष्ट्राचार की बू नहीं आती हो। निगम में चाहे 80 करोड़ का बिल के घोटाले के चलते यहां हुआ अग्निकांड हो, जिसकी जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई क्योंकि इसमें कई बड़े-बड़े अधिकारी फंस रहे थे, या फिर अन्य घोटाले जिन पर से पर्दा उठाने की चाह के बावजूद भी पर्दा नहीं उठा पा रहे थे। हां, इतना जरूर है कि वो कोई कठोर फैसला लेने में तो कामयाब नहीं हो पाए, लेकिन उनके दामन पर भ्रष्ट्राचार को कोई दाग नहीं लगा। वे काजल की इस कोठरी से बेदाग होकर ही निकले।
ध्यान रहे कि गत् 6 जनवरी, 2020 को निगमायुक्त के तौर पर पदभार संभालने वाले डॉ. यश गर्ग ने निर्विवाद रहते जहां लगभग सभी अधिकारियों और निगम पार्षदों से तालमेल रख निगम के अंदर अपने एक साल के कार्यकाल में जनहित में कई योजनाओं को अमलीजामा पहनाया, वहीं प्रोपर्टी टैक्स/हाऊस टैक्स को ऑनलाईन कर निगम की आय बढ़ाने का भी काम किया। निगम के अंर्तगत सीवर-पानी को ऑनलाईन करने की प्रकिया भी वे लगभग पूरी करा चुके हैं जोकि शायद इसी महीने संभवत: ऑनलाईन हो भी जाए।
बता दें कि साईबर सिटी कहे जाने वाले गुरूग्राम के डिप्टी कमिश्रर अमित खत्री के दो साल की स्टडी लीव यानि पढ़ाई के लिए विदेश जाने के चलते सरकार ने नगर निगम फरीदाबाद के कमिश्रर डॉ. यश गर्ग (2009 बैच) का तबादला कर उन्हें गुरूग्राम के डिप्टी कमिश्रर का पदभार सौंपा है। काबिलेगौर रहे कि डॉ. यश गर्ग इससे पहले रोहतक और झज्जर में भी जिला उपायुक्त रह चुके हैं। फिलहाल फरीदाबाद के जिला उपायुक्त (2011 बैच) यशपाल यादव को निगमायुक्त का पदभार सौंपा गया है। डॉ. यश गर्ग और यशपाल यादव दोनों ही आईएएस अधिकारी स्वच्छ छवि के अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।
वहीं अब यह देखना होगा कि निगमायुक्त का अतिरिक्त चार्ज मिलने पर जिला उपायुक्त यशपाल यादव नगर निगम के भ्रष्ट्र अधिकारियों पर शिकजा कसते हुए कैसे निगम की छवि को सुधारने का कार्य करते हैं।


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