Metro Plus News
फरीदाबादहरियाणा

हाथ कटे हुए होने के बावजूद देखो कैसे एमसीएफ कर्मचारी राजेश गुप्ता सरकारी कामों को निपटा रहे हैं।

Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
बल्लभगढ़, 23 फरवरी: एमसीएफ कार्यालय में कार्यरत सीनियर लिपिक राजेश कुमार गुप्ता के शरीर के कंधे से दोनों हाथ कटने के बावजूद भी दिन-रात मेहनत करके लोगों का मन मोह कर काम कर रहे है। उन्होंने अपने हाथ कटे हुए की सीधे हाथ की बाजू के साथ पैन को जोड़कर कार्यालय संबंधी कार्यों पर सिग्नेचर/हस्ताक्षर करके सरकारी कामकाज निपटा रहे है। वह एक मिसाल कायम करके लोगों की प्रेरणा का स्रोत भी बन रहे है। राजेश कुमार गुप्ता व संजय कुमार गुप्ता दोनों भाईयों की राम लखन जैसी कलयुग में राम लखन दोनों भाई हैं। आधुनिक युग में आज किसी के पास कोई समय नहीं है। उसके बावजूद भी संजय गुप्ता अपने भाई राजेश गुप्ता के लिए उसकी दिनचर्या में भागीदार बनकर अपनी दिनचर्या के साथ उसकी दिनचर्या शुरू कर रहा है।
सीनियर लिपिक राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि आदमी में दृढ़ इच्छा हो तो उसकी उसे पूरा करने में दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती। जीवन में कभी किसी को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। इसके लिए मुझे दिल्ली में एक मेरे जैसे ही एक अंगहीन आदमी के पैरों से साइन करते हुए जब मैंने देखा तो तब मैंने उसी समय ठान लिया था कि मैं भी पीछे नहीं हटूंगा। उन्होंने बताया कि मैं पिछले 28 वर्षों से अपने पद पर कार्यरत हूं और मेरा प्रयास रहता है कि जो भी लोग मेरे कार्यालय में किसी सरकारी कार्य के लिए आते है तो उसे मैं पूरा निष्ठा और लग्न के साथ निर्धारित समय पर पूरा करके देता हूं। इससे मुझे भी सुकून मिलता है। राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि उसके दोनों हाथ ट्रेन में दुर्घटना के कारण 1984 में जब वह पॉलिटेक्निकल की पढ़ाई कर रहा था। तब ट्रेन दुर्घटना में गए थे। उन्होंने बातचीत में आगे बताया कि जिंदगी में मेरा भाई संजय कुमार गुप्ता मुझे खाना खिलाने, पिलाने, नहलाने और कपड़े पहनाने सहित अन्य जरूरी सुविधाओं में मेरी मदद करता है।
इस मौके पर राजेश गुप्ता ने बताया कि वह राम कॉलोनी, सीही गेट, बल्लभगढ़ में उनकी माता के साथ रहते हैं। वे माता जी की सभी बातों का आदर करते हैं। यह एक भारतीय संस्कृति की मिसाल है। इसी संस्कृति को आज विश्व भी सलाम कर रहा है और भारत की संस्कृति को पूरा विश्व अपनाकर भारत को संस्कृति के क्षेत्र में गुरू मान रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय संस्कृति को परचम लहराने में विश्व में भारत देश की अलग पहचान बनाई है। आज भारतीय संस्कृति का अनुसरण संसार के अन्य संपन्न देश कर रहे हैं। सरकार द्वारा मुझे 1993 में तत्कालीन पूर्व मंत्री धर्मवीर सिंह के सिफारिश से एमसीएफ के तत्कालीन कमिश्नर संजीव कौशल की कलम से मुझे एमसीएफ में नौकरी मिली है।


Related posts

बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी भत्ते के साथ-साथ सक्षम युवा योजना के तहत रोजगार दिया जाएगा: अपराजिता

Metro Plus

बल्लभगढ़ के चहुंमुखी विकास कार्यों में कोई कसर नहीं छोडूंगा: मूलचंद शर्मा

Metro Plus

जेईईमैन में FMS कक्षा 12वीं के छात्रों की शानदार सफलता

Metro Plus