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मात्र 72 घंटे के अंदर व्यापारी आदेश मित्तल के हत्यारे गिरफ्तार, जाने क्यों की थी हत्या?

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 21 अप्रैल:
आखिरकार फरीदाबाद पुलिस की मेहनत रंग लाई और मात्र 72 घंटे के भीतर पुलिस ने व्यापारी आदेश मित्तल के हत्यारों को गिरफ्तार कर साबित कर दिया कि वो अपराधियों को किसी भी कीमत पर शहर में पनपने नहीं देंगे। इसी के साथ एसीपी जयवीर राठी को वो आश्वासन भी पूरा हो गया कि वे 24 घंटे के अंदर वो अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम करेंगे। इस मामले में पुलिस कमिश्रर ओपी सिंह ने जिस तरह से इस अपहरण और मर्डर को चैलेंज मानकर डीसीपी क्राइम सुमेर सिंह यादव और एसीपी क्राईम अनिल यादव को इस मामले को तुरंत सुलझाने के आदेश दिए थे उसके लिए वो भी काबिलेतारीफ हैं। वहीं उक्त दोनों अधिकारियों ने भी अपनी कार्यकुशलता का परिचय देते हुए अपनी टीम के माध्यम से मात्र 72 घंटे के अंदर अपराधियों को काबू कर ही लिया।
बता दें कि रविवार की रात को करीब 9 बजे तिगांव के एक व्यापारी आदेश मित्तल का कुछ लोगों ने उस समय अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी जब वो सैक्टर-2 में अपने घर के पास पहुंच चुका था। इसके बाद सोमवार को मृतक के परिजनों ने शव को बाईपास पर रखकर जाम लगा दिया था जिस पर एसीपी जयवीर राठी ने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाकर उन्हें अपराधियों को 24 घंटे के भीतर पकडऩे का आश्वासन दिया था। और आज फरीदाबाद पुलिस ने पुलिस कमिश्रर ओपी सिंह के मार्गदर्शन में उपरोक्त अपहरण व मर्डर के आरोपियों को पकड़ ही लिया।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक क्राइम ब्रांच डीएलएफ की टीम ने गुप्त सूत्रों एवं तकनीकी सहायता से मात्र 72 घंटे के अंदर उपरोक्त वारदात के दो आरोपियों राहुल और राकेश को दिल्ली के आनंद विहार और तीसरे आरोपी विजय को सोनीपत के गोहाना से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। इनमें से एक आरोपी राकेश फरीदाबाद के तिगांव का तथा दूसरा आरोपी राहुल बल्लभगढ़ का रहने वाला है जबकि तीसरा आरोपी विजय सोनीपत के गोहाना का रहने वाला है।
आरोपी राकेश प्लंबर का काम करता है जो पिछले 12 साल से मृतक आदेश की हार्डवेयर की दुकान से प्लंबर का सामान खरीदता था। आरोपी राहुल, आरोपी राकेश का भांजा है और आरोपी विजय आरोपी राहुल का दोस्त है। आरोपी विजय इससे पहले लूट व चोरी की वारदातों में शामिल रहा है और इसके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हैं। जिस समय आरोपी विजय जेल में था तो उसके सर काफी कर्जा हो गया था इसी बीच आरोपी विजय की दोस्ती आरोपी राहुल के साथ हुई और इसी तरह राहुल और विजय की जानकारी हो गई। पैसो के लालच के चलते तीनों आरोपियों ने व्यापारी को लूटने की योजना बनाई जिसके लिए आरोपी राहुल अपने गांव से कट्टा और आरोपी राकेश चाकू लेकर आया वहीं आरोपी विजय वारदात को अंजाम देने के लिए 15 अप्रैल को दिल्ली से इक्को वेन चोरी करके लाया था। योजना के तहत कार्य करते हुए आरोपियों ने 18 अप्रैल को व्यापारी की रेकी करनी शुरू कर दी। आरोपी तिगांव से व्यापारी की गाड़ी का पीछा करते हुए सेक्टर-2 पहुंचे और व्यापारी की गाड़ी को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही व्यापारी ने गाड़ी रोक दी और आरोपियों ने व्यापारी को गाड़ी से नीचे उतारने की कोशिश की परंतु जब व्यापारी नीचे नहीं उतरा तो उन्होंने उसे चाकू मार दिया।
घायल अवस्था में व्यापारी को आरोपी इको गाड़ी में डालकर ले गए। इसी बीच व्यापारी ने आरोपी राकेश को पहचान लिया क्योंकि राकेश इसके पास से पिछले करीब 12 सालों से सामान खरीदता था।
व्यापारी ने आरोपी राकेश से कहा कि वह जितना पैसा चाहिए उसे लाकर दे देगा लेकिन मुझे छोड़ दे। परंतु आरोपी राकेश ने सोचा कि अब उसकी पहचान हो गई है और यदि व्यापारी जिंदा बच गया तो वह पुलिस को बता देगा और पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी। जेल जाने के डर से आरोपियों ने व्यापारी को चाकू से कई वार करके उसकी हत्या कर दी और छांयसा रोड हीरापुर के पास उसके शव को फेंक दिया। इस घटना के दौरान इको गाड़ी में काफी खून लग चुका था। खून के निशान मिटाने के लिए आरोपी गाड़ी को जंगल में ले गए और गाड़ी को आग लगा दी और फरार हो गये थे।
गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से पुलिस मामले में गहनता से पूछताछ कर रही है और आरोपियों को कल अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा और वारदात में प्रयोग गाड़ी और हथियार बरामद किए जाएंगे।


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