मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 11 मई: कोराना संक्रमितों की लगातार हो रही मौतों का एक कारण जहां कोरोना संक्रमण का भयावह रूप है, वहीं इसका एक कारण लोगों का इस बीमारी के कारण ज्यादा पेनिक होना भी है जिसके कारण भी लोग मौत की गोद में समा रहे हैं। कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मिर्यो के इसी पेनिक को खत्म करने का बीड़ा उठाया है अब DCP NIT डॉ.अंशु सिंगला ने जोकि स्वयं हाल ही में कोरोना संक्रमण के जाल से बाहर निकली हैं। डॉ. अंशु सिंगला ने कोरोना संक्रमित होने के बाद भी अपना हौंसला नहीं छोड़ा जिसका परिणाम यह निकला कि वो कोरोना को मात देकर अपनी ड्यूटी पर वापिस भी आ चुकी हैं।
कोरोना संक्रमित होने पर डॉ. अंशु सिंगला ने अपने आपको होम आईसोलेट करने के दौरान उन्होंने किस प्रकार कोरोना को मात दी, ये अनुभव वो अब फरीदाबाद जिले के उन पुलिसकर्मिर्यो के साथ सांझा कर उनकी हौंसलाअफजाई करेंगी जो कोरोना होने के बाद घर पर होम आईसोलेट हैं या अस्पताल में उपचाराधीन हैं। इसके लिए DCP NIT डॉ. अंशु सिंगला एकाध दिन में जूम पर मेडिटेशन के तौर पर ऑनलाईन योगा क्लॉस शुरू करवाने जा रही हैं। इसमें इनका साथ योगा की एक प्रोफेशनल महिला ट्रेनर देंगी जोकि कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों को कोरोना के दौरान ऑनलाईन ही जूम पर योगा कराकर उनके मन में से कोरोना का पेनिक/डर निकालने का काम करेंगी। सामाजिक कार्य होने के नाते ये प्रोफेशनल महिला ट्रेनर नि:शुल्क ही योगा की ट्रेनिंग देंगी। डॉ. सिंगला के मुताबिक इस मेडिटेशन/योगा क्लॉस से कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों की रिकवरी में काफी फर्क पड़ेगा।
बता दें कि पुलिस कमिश्रर ओपी सिंह भी समय-समय पर कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों से जूम पर ऑनलाईन रूबरू होकर उनकी हौंसलाअफजाई करते रहते हैं ताकि उनका इस बीमारी से पेनिक कम हो और वे जल्दी-जल्दी रिकवर हो सकें।
इस ऑनलाईन जूूम क्लॉस में सुबह के समय का एक सेशन रखा जाएगा जिसमें कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों को डांस गतिविधि और लाफ्टर थेरेपी द्वारा इम्यून सिस्टम बढ़ाने के तरीके बताएं जाएंगे। डॉ.अंशु सिंगला का मानना है कि योग और प्राणायाम से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है और इससे लोगों में आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए योग से बढ़कर कुछ नहीं हैं। इससे बीमारियों से लडऩे की ताकत मिलती है।
वहीं DCP NIT डॉ. अंशु वसिंगला ने लोगों से अपील की है कि वो आपदा के इस समय में अपने सार्मथ्यनुसार जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आएं, अगर वो वास्तव में समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं तो।