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सरकारी जमीन पर कब्जा कर खड़ा कर दिया बहुमंजिला कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स, प्रशासन मौन?

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 16 अगस्त :
शहर में अवैध कब्जों और निर्माणों की बाढ़ सी आई हुई हैं। खोरी और अरावली के अवैध फार्म हाऊसों में तोडफ़ोड़ के चलते नगर निगम का अमला वहां व्यस्त है। वहीं निगम के तोडफ़ोड़ विभाग के अधिकारियों की शह/मिलीभगत के चलते इसका फायदा चंद बिल्डर बखूबी उठा रहे हैं। इसका जीता-जागता प्रमाण है NH-5 मेंCLU और नक्शा पास करवाए बिना सरकारी जमीन तक पर कब्जाकर वहां वहां 50 से ज्यादा दुकानें/ऑफिस बनाए जा रहे हैं। लेकिन निगम के तोडफ़ोड़ विभाग के अधिकारी हैं कि इस मामले में जानकारी मिलने के बाद भी कोई कार्यवाही करने को तैयार नहीं हैं। देखने लायक बात तो यह है कि किसी भी सरकारी कार्यवाही से बचने के लिए अवैध कब्जेधारियों/निर्माणकर्ताओं ने दबदबा बनाने के लिए मौके पर किसी एडवोकेट का बोर्ड भी लगवा रख है ताकि कोई उन्हें रोके-टोके ना। अब इस मामले की शिकायत एक महिला पार्षद के पिता कैलाश बैंसला जोकि स्वयं भी निगम पार्षद रहे हैं, ने सीएम विंडो के माध्यम से सरकार व निगम प्रशासन को की है।
क्या कहते हैं पुर्नवास विभाग के अधिकारी:-
इस मामले में जब रिहब्लेशन/पुर्नवास विभाग के अधिकारियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्होंने नेशन हट में प्लॉट न.83 की 367 वर्गगज जमीन को खुली नीलामी में बेचा गया है। वहीं बाकी की जमीन को उन्होंने अपनी होने से इंकार कर दिया।
क्या कहते हैं शिकायतकर्ता पूर्व पार्षद कैलाश बैसला:-
इस मामले में पूर्व पार्षद कैलाश बैसला ने तोडफ़ोड़ विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नेशन हट-83 में बन रहा उक्त बहुमंजिला कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स तोडफोड़ विभाग के चंद अधिकारियों के संरक्षण में बन रहा है। ऐसे भ्रष्ट्र निगम अधिकारी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा व निर्माण करवाकर जहां सरकार को चूना लगवाकर अपनी तिजोरियों भरने में लगे हैं।
बकौल पूर्व पार्षद कैलाश बैंसला जिस जमीन पर उक्त अवैध कम्पलैक्स बनाया जा रहा है, उसमें ज्यादातर जमीन पुर्नवास विभाग की है। पूर्व पार्षद ने नेशन हट-83 में बनाए गए इस अवैध कम्पलैक्स को कब्जामुक्त करा इसमें संलिप्त निगम अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है। इस बारे में कैलाश बैंसला ने सीएम विंडो में लिखित शिकायत भी की है। शिकायत में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि निर्माण करने वाले ने ना तो सरकारी जमीन के पैसे सरकारी खजाने में जमा कराएं हैं और ना ही उक्त प्लॉट का सीएलयू करवाया है जिस कारण सरकार को चूना लग रहा है।
वहीं पता चला है कि उपरोक्त मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए नगर निगम से इस मामले में कार्यवाही कर उन्हें रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।
अब देखना यह है कि निगमायुक्त और पुर्नवास विभाग के अधिकारी अब इस मामले में क्या रूख अपनाते हैं।


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