नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 22 अगस्त: बच्चे देश का भविष्य है, इनको इनकी कोमलता के अनुसार मोड़ा और जोड़ा जा सकता है, क्योंकि बच्चों में मासूमियत का पुट अधिक मिलता है। यह विचार फरीदाबाद मॉडल स्कूल सैक्टर-31 के सभागार में चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी एवं जिला बाल सरंक्षण विभाग द्वारा आयोजित संयुक्त सुरक्षा योजना पर आयोजित सेमीनार में भाग ले रहे जिले के पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन एचएस मलिक ने कही।
उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकारें बच्चों को शिक्षित और सुरक्षित करने में विशेष कार्यक्रम चला रही है, फिर भी बच्चों के द्वारा बाल श्रम करवाया जा रहा है। उन्होंने पुलिसकर्मियों का आह्वान किया कि वे ऐसे स्थलों को सुनिश्चित करें जहां बच्चों से बाल मजदूरी करवाई जा रही है। वहीं उन्होंने सेमीनार में भाग ले रही एनजीओ कार्यकत्र्ताओं से कहा कि वे ऐसे बच्चों को सुनिश्चित करें जो स्कूल नहीं जा पा रहे, क्योंकि बच्चों को शिक्षित करने का कार्य समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ दोस्त बनकर कार्य करें ताकि बच्चा एक दोस्त के नाते अपनी सारी समस्याएं खुलकर बता सके।
श्री मलिक ने कहा कि सीडब्ल्यूसी उन बच्चों के लिए कार्य करती है जो अनाथ है या फिर किसी कारण से अपने घर से भाग आते हैं या फिर किसी कारण माता-पिता से बिछड़ जाते है। ऐसे बच्चों को वह माता-पिता से मिलाने का कार्य करती है तथा अनाथ बच्चों को जिले में चल रहे आश्रय स्थलों पर शरण देकर उन्हें शिक्षित और पुर्नवास की सुविधा देती है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी गरिमा सिंह ने कहा कि बच्चों में बढ़ रहे यौनाचार के मामलों पर पुलिस प्रशासन को सक्रिय होने की आवश्यकता है। ऐसी शिकायत मिलने पर पुलिस का अधिकारी तुरंत सीडब्ल्यूसी के संपर्क में बच्चे को लाए और कानूनी प्रक्रिया को चालू कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने पास्को एक्ट के बारे में पुलिस अधिकारियों को विस्तार से चर्चा की।
सेमीनार में ट्रैफिक पुलिस एसएचओ सुभाष, सभी थानों के एडिशनल थाना प्रभारी, सीडब्ल्यूसी की सदस्य गीता सिंह, अर्चना, अली हसन, मीनू शर्मा तथा जिले की विभिन्न चाइल्ड आश्रय स्थलों के प्रबंधक उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में स्कूल के निर्देशक उमंग मलिक ने कहा कि वे समय-समय पर ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन कर बच्चों तथा उनके माता-पिताओं को अवगत करवाने का प्रयास करते हैं।