एडीजीपी (जेल) सुधीर चौधरी ने किया नीमका जेल का इंस्पेक्शन
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 28 अगस्त: एडीजीपी (जेल) सुधीर चौधरी का कहना है कि कैदियों को पेशी पर ले जाते वक्त दिल्ली जैसी कोई घटना न घटे इसके लिए जेल के उच्च अधिकारियों से बात की गई है। कैदी को पेशी पर ले जाने से पहले उसके वारंट की गहनता से जांच करने के आदेश दिए गए हैं। मैट्रो प्लस से एक विशेष बातचीत में एडीजीपी (जेल) सुधीर चौधरी ने यह जानकारी दी।
गौरतलब रहे कि एडीजीपी (जेल) सुधीर चौधरी पिछले तीन दिनों से नीमका जेल की इंस्पेक्शन पर यहां आए हुए थे। अपने इंस्पेक्शन के आखिरी दिन आज यहां सुधीर चौधरी ने सभी पहलुओं पर जांच के बाद कहा कि सुरक्षा, अनुशासन और जेल की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के लिए जेल प्रशासन को बोला गया है। उन्होंने ये भी कहा कि मैं जेल कर्मचारियों को आने वाली परेशानी के लिए डाकिया का काम करूंगा और उनकी समस्याओं को ऊपर तक यानि सरकार तक पहुंचाऊंगा। इस मौके पर उनके साथ जेल सुपरिटेंडेंट राजकुमार शर्मा, डिप्टी जेलर नरेश गोयल, दीपक यादव व रोबिन हुड्डा भी मौजूद थे।
एडीजीपी सुधीर चौधरी ने मैट्रो प्लस से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में जेलों को कम्प्यूटराईज करने का काम किया जा रहा है। इससे पहले करनाल और गुडगांव की जेल को कम्प्यूटराईज कर दिया गया है। कम्प्यूटराईजेशन होने से काम में पारदर्शिता आती है और भ्रष्ट्राचार पर भी अंकुश लगता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जेल में स्किल्ड डवलपमेंट के लिए इग्नू के प्रोफेसर से भी बात की गई है। स्किल्ड डवलपमेंट का काम डिप्टी जेलर नरेश गोयल देख रहे हैं।
जेल परिसर में सुधीर चौधरी ने कैदियों की समस्याओं को सुनते हुए एक कैदी की शिकायत पर ध्यान देते हुए जहां तुरंत डस्टबिन रखवाया वहीं कैदियों से मिलने आए उनके परिजनों से भी बात कर उन्होंने उनकी समस्याएं पूछी। कैदियों के परिजनों ने जेल प्रशासन पर अपनी संतुष्टि जताई।
सुधीर चौधरी ने जेलों के कम्प्यूटराईज करने के पीछे भ्रष्टाचार को रोकने के साथ-साथ इसे काम में तेजी लाने का भी माध्यम बताया। जेल में पहले से ही बनी दो फैक्ट्रियों को और चुस्त-दुरूस्त करने की बात भी कही।
उन्होंने बताया कि नीमका जेल में कैदियों के बीमार होने पर अब जेल परिसर में ही बने अस्पताल में उन्हें दवाईयां ऑनलाईन दी जाएंगी। इस अवसर पर उन्होंने अस्पताल के रिकार्ड को ऑनलाईन करने की शुरूआत फीता काटकर की। जेल कैदियों के लिए बने 21 बेड के अस्पताल में दवाईयां समेत सभी रिकार्ड को कम्प्यूटराईज करते हुए सुधीर चौधरी ने बताया कि बीमार कैदियों को क्या दवाई दी जा रही है, इस सबका रिकार्ड अब कम्प्यूटर में ऑनलाईन रहेगा। गौरतलब रहे कि इस नीमका जेल में फिलहाल करीब 2150 कैदी हैं जिनके लिए 21 बेड का अस्पताल जेल परिसर में ही बनाया गया है।
एडीजीपी जेल सुधीर चौधरी तथा जेल सुपरिटेंडेंट राजकुमार शर्मा ने जेल परिसर में पौधारोपण भी किया।