मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 30 सितंबर: नगर निगम कमिश्रर यशपाल यादव ने निगम में व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ SDO और JE के तबादले किए हैं खासकर तोडफ़ोड़/इंर्फोसमेंट विभाग में। लेकिन निगमायुक्त का ध्यान इंर्फोसमेंट विभाग में इंर्फोसमेंट इंस्पेक्टर की उस सीट पर नहीं जा पाया जो पोस्ट शायद नगर निगम में है ही नहीं।
बता दें कि निगमायुक्त ने गत् दो जुलाई, 2021 को अपने आदेश क्रमांक MCF/PA/2021/227 में निगम की डिवीजन-2 में तैनात एक इंस्पेक्टर Binesh Hooda को असिस्टेंट इंजीनियर (इंफोर्समेंट) बडख़ल के कार्यालय में ट्रांसफर किया था। निगम सुत्रों के मुताबिक इस ट्रांसफर के तहत उक्त कर्मचारी को असिस्टेंट इंजीनियर (इंफोर्समेंट) बडख़ल के कार्यालय में CM विंडो, शिकायतों आदि लिखा-पढ़ी से संबंधित लिखा-पढ़ी/क्लेरिकल काम करना था, लेकिन वास्तव में ऐसा हुआ नहीं। उक्त कर्मचारी बजाए अपने कार्यालय में काम करने के फील्ड में अतिक्रमण हटाने और अवैध निर्माणों पर देखें जाते हैं। बता दें कि Binesh Hooda क्लेरिकल स्टॉफ में है जबकि JE योगेश चौधरी बिल्डिंग इंस्पेक्टर।
हाल ही में NIT के फावड़ा सिंह चौक पर भी अतिक्रमण हटाने के दौरान एक ढाबा मालिक को सरेआम पीटने की बात कहने पर भी ये कर्मचारी विवादों में आ गया था।
निगम सुत्रों की मानें तो उक्त कर्मचारी ने अपने ट्रांसफर के बाद 5 सितम्बर को उक्त कार्यालय में अपनी जो ज्वाईनिंग की वो इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर के तौर पर की और तत्कालीन असिस्टेंट इंजीनियर (इंफोर्समेंट) जीतराम ने उसको सीन भी कर लिया। मजेदार बात तो यह है कि नगर निगम में इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर की कोई पोस्ट ही नहीं है। बावजूद इसके जिस तरीके से उक्त कर्मचारी ने पोस्ट ना होते हुए भी इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर के तौर पर ज्वाईंनिंग की और किसी ने उसका विरोध नहीं किया, वो निगम में चर्चा का विषय बनी हुई है। वो बात अलग है कि कोई भी निगम अधिकारी इस मामले में सामने आकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। बताते हैं कि उक्त कर्मचारी के दो भाई विजिलेंस में हैं जिसकी भभकी इसके द्वारा MCF अधिकारियों को दी जाती है ताकि कोई उसको कोई कुछ कहे ना।
लेकिन अब जब SDO इंफोर्समेंट के रूप में जीतराम की जगह सुमेर सिंह ने जब चार्ज ले लिया है तो देखना यह है कि उक्त कर्मचारी Binesh Hooda कब तक बिना पोस्ट वाली इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर की पोस्ट पर रह पाते हैं या फिर ऐसे जो चलता रहेगा।
इस बारे में जब निगमायुक्त से बात करने की कोशिश की गई तो उनसे बात ना हो सकी।
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