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वाह-रे MCF, अपनी सरकारी जमीन तो कब्जामुक्त होती नहीं, लेकिन प्राईवेट प्रोपर्टी को कब्जामुक्त करवाने में जुटा?


मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 5 अक्टूबर:
वाह-रे नगर निगम, तेरी माया अपरम्पार। तुझ से अपनी निगम की करोड़़ों-अरबों रूपये कीमत की कब्जाई हुई सरकारी जमीन तो खाली करवाई नहीं जा रही और ना ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर अरावली में बने फार्म हाऊसों से अवैध निर्माण हटवाए जा रहे हैं जिसको लेकर कई बार निगम को सुप्रीम कोर्ट से फटकार लग चुकी है। और अब नगर निगम फिर से चला है हाईकोर्ट के आदेशों की आड़ लेकर भू-माफियाओं की प्राईवेट प्लॉट/जमीन को खाली कराने।
जी हां, हम बात कर रहे हैं नीलम-बाटा रोड़ पर स्थित उस प्लॉट नं-6 की जिसको वहां बैठे दुकानदारों से खाली करवाने के लिए नगर निगम फरीदाबाद ने 6 अक्टूबर को पुलिस फोर्स और ड्यूटी मजिस्टे्रट की मांग की है। हालांकि बताया तो यह भी जा रहा है कि इससे पहले भी नगर निगम ने उक्त प्राईवेट प्लॉट को खाली करवाने के लिए 30 सितंबर के लिए पुलिस फोर्स और ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मांग की थी। सुत्रों के मुताबिक चूंकि उस दिन 30 सितंबर को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में निगम के Xen जीपी वाधवा मिले तो थे लेकिन दोपहर बाद मिले थे, इसलिए उस दिन वहां कोई कार्यवाही नहीं हो पाई थी। और अब बताया जा रहा है कि दोबारा से निगम ने 6 अक्टूबर के लिए पुलिस फोर्स और ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मांग की है।
बता दें कि इससे पूर्व भी उक्त भू-माफिया ने तत्कालीन एक मंत्री की शह पर भारी पुलिस फोर्स बल के साये में इसी के बराबर वाले प्लॉट न.-7 व 8 को टूल मार्किट वालों से वहां उनकी सालों से बनी दुकानों को हाईकोर्ट के एक आदेश के हवाले से जबरन खाली करवाया था। आलम यह था कि उस समय पूरे नीलम-बाटा रोड को पुलिस छावनी में बदल दिया गया था। बताया जाता है हाईकोर्ट का ऐसा कोई आदेश नहीं है जिसमें ये कहा गया हो कि फलां प्लॉट को खाली करवाया जाए।
लेकिन कहते हैं ना कि हिंदुस्तान में पैसे से सब कुछ कराया जा सकता है तो यहां भी कुछ ऐसा ही होता बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि नगर निगम के संबंधित विभागीय अधिकारियों से मिलकर ही प्लॉट न.-7 व 8 की तरह अब प्लॉट नं-6 को पुलिस बल के साये में खाली करवाने की कवायद की जा रही है।
साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि नीलम-बाटा रोड़ के जिन प्लॉट न.-7 व 8 को टूल मार्किट के दुकानदारों से जबरन खाली करवाया गया था, उसका हाऊस टैक्स भी नगर निगम में जमा नहीं है जोकि कई वर्षो का शायद लाखों-करोड़ों बनता है। यहीं नहीं, इससे संबंधित फाईल भी निगम के रिकार्ड से गायब करवा दी गई है, ऐसी शहर में चर्चा है।
अब देखना यह है कि नगर निगम अब 6 अक्टूबर को किस रणनीति के तहत भू-माफिया के नीलम-बाटा रोड़ स्थित प्लॉट न.-6 को खाली करवाता है या …! – क्रमश:


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