नहीं बढ़ेगी फीस, पांच साल से पहले नहीं बदलेगी यूनिफॉर्म
कुछ निजी स्कूलों के खिलाफ मिली शिकायतों के बाद लिया गया यह फैसला: शिक्षा मंत्री
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट।
चंडीगढ़, 13 दिसम्बर: हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर सरकार ने शिकंजा कसने के लिए अब एक नया बड़ा कदम उठाया है। राज्य के शिक्षा मंत्री कंवरपाल के मुताबिक हरियाणा सरकार ने नियम बनाया है कि कोई भी स्कूल अपनी फीस में 5 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी और 5 साल से पहले यूनिफॉर्म नहीं बदलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ निजी स्कूलों के खिलाफ मिली शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है। बाकायदा इसके लिए सरकार ने राज्य की शिक्षा नीति में बदलाव किया है और प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को नेशनल कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स से जोड़ा है। माता-पिता की अपील के बाद यह फैसला आया, जिसमें उन्होंने मनमाने ढंग से फीस बढ़ोतरी के मामलों में सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की थी।
राज्य सरकार की तरफ से जारी नोटिस में हरियाणा स्कूल फीस बढ़ोतरी को अच्छे ढंग से समझाने के लिए एक उदाहरण भी दिया गया है। नोटिस में बताए गए उदाहरण के अनुसार अगर उस पीरियड के लिए सीपीआई 4 प्रतिशत है तो बढ़ोतरी पिछले साल की फीस के 9 प्रतिशत (4 प्रतिशत+5प्रतिशत) से ज्यादा नहीं हो सकती है।
हालांकि, सरकार ने उन प्राइवेट स्कूलों को इसमें छूट दी है, जिनकी कक्षा 5 तक के लिए सालाना फीस 12,000 रुपए या उससे कम है और जिनकी कक्षा 6 से 12 के लिए अधिकतम फीस 15,000 रुपए या उससे कम है।
अधिकारियों ने कहा कि ये आदेश नए अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होंगे। अधिकारियों ने कहा कि फीस फॉर्मूले का पालन नहीं करने वाले स्कूलों पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है और उनका लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। इस नए नियम में यह भी निर्देश है कि किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल को लगातार पांच शैक्षणिक सालों से पहले अपनी यूनिफॉर्म नहीं बदली जाएंगी और किसी भी छात्र को केवल स्कूलों की तरफ से बताई गई दुकानों से ही किताबें, स्टेशनरी, जूते, मोजे, ड्रेस आदि खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।
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