मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 6 जून: इन दिनों जिले में समाज कल्याण विभाग का जिला अधिकारी न होने की वजह से सरकार की सामाजिक सुरक्षा सम्मान भत्ता स्वरूप दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की पेंशनों के नए लाभार्थी अपने काम के लिए भटक रहे हैं लेकिन उनकी पेंशन कब शुरू होगी इस बात की कोई गारंटी नहीं है। सरकार की ओर से दी जाने वाली इन सामाजिक सुरक्षा पेंशनौं में वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, किन्नर पेंशन व बोना पेंशन आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं जिनके अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को इस समय सरकार की ओर से ढाई हजार रुपए की पेंशन राशि प्रतिमाह दी जाती है।
पूर्व में जिला समाज कल्याण अधिकारी रही श्रीमती सुशीला देवी गत 29 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गई थी । उसी समय उनके ऊपर पेंशन कार्यों में धांधली के आरोपों के चलते मुकदमा भी दर्ज हुआ और उनको दिए जाने जाने वाले सेवानिवृत्ति सरकारी बेनिफिट्स भी रोक दिए गए। उन्हीं के साथ उनके कर्ताधर्ता विश्वासपात्र ड्राइवर एवं कंप्यूटर ऑपरेटर सतीश को भी मुकदमा दर्ज करने के उपरांत बर्खास्त कर दिया गया था।
खैर चलो यह तो उनकी करनी थी जिसकी सजा सरकार उन्हें नियमानुसार दे रही है लेकिन इसके उपरांत भी एक महीने का समय बीत चुका है दूसरा शुरू हो चुका है लेकिन इस विभाग ने जिले में कोई भी अधिकारी नियुक्त नहीं किया है। सिंगल विंडो पब्लिक काउंटर भी इन दिनों बंद पड़ा हुआ है। उक्त प्रकार की सभी पेंशनौं के लाभार्थी अपने आवश्यक दस्तावेज इसी परिसर में कल्याण विभाग द्वारा संचालित अंत्योदय कंप्यूटर केंद्र में स्कैन कराने के उपरांत समाज कल्याण विभाग में जमा करवाने आते हैं तो उनको पूछने पर कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता कि उनकी पेंशन कब शुरू होगी। इस बाबत उनको बोल दिया जाता है कि हमारा जिला अधिकारी नहीं है और सतीश के स्थान पर भी कोई आवेदन प्राप्तकर्ता कंप्यूटर ऑपरेटर नहीं है। जब जिले में अधिकारी नियुक्त होगा तभी बताया जा सकता है कि उनकी पेंशन कब शुरू होगी।
तो आखिर इन गरीब, लाचार व जरूरतमंद नई पेंशन के आवेदनकर्ता लाभार्थियों का क्या कसूर है कि जो अपने कार्यों के लिए उन्हे इन दिनों दर-दर भटकना पड़ रहा हैं।
इस बारे जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव का कहना है कि उनकी इस संबंध में संबंधित विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से बातचीत चल रही है और जल्द ही किसी अधिकारी की नियुक्ति यहां करवा दी जाएगी।