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श्री राम की भक्ति ही भवसागर से पार कराती है: आचार्य विष्णु दास जी

~श्री राम कथा के दूसरे दिन उमड़ा जनसैलाब
Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 19  अप्रैल:
सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर NH-2B में चल रही राम कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। राम कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं का जोश एवं उत्साह देखते ही बन रहा था। कथा वाचक स्वामी विष्णुदास जी ने अपने मुखारबिंद से राम कथा का सुंदर वर्णन किया। उनके मुखारबिंद से निकल रहे भक्ति रस को सुनने के लिए भक्तजन उत्सुक दिखाई दिए।
उन्होंने श्रीराम कथा सुनाते हुए प्रहलाद जी का वर्णन किया कि किस प्रकार प्रभु की कृपा से वह पूरी तरह से निर्भीक थे। होलिका को वरदान होने के बाद भी वह स्वयं जल गई मगर प्रहलाद जी का बाल बांका नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने भगवान के पावन नाम का आश्रय ले रखा था अर्थात जिसने भगवान राम का आश्रय लिया है, उसका कोई भी बाल बांका नहीं बिगाड़ सकता। इसलिए राम नाम का जप करने से जीवन के तमाम कष्ट मिट जाते हैं।
आगे वर्णन करते स्वामी विष्णुदास ने कहा कि परमात्मा का हमें धन्यवाद करना चाहिए कि उन्होंने हमें मानव जीवन दिया है। जीवन क्षण भंगुर है, इसका कोई भरोसा नहीं है। इसलिए अपनी देह यानि शरीर पर कभी अभिमान नहीं करना चाहिए।
राम कथा में पर मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के निजी सचिव कौशल बाठला ने शिरकत की। उनके साथ मुख्य रूप से अमित आहूजा उपस्थित रहे। कौशल बाठला ने इस अवसर पर कहा कि श्रीराम कथा उत्सव का श्रवण करने से आपके सभी संकट दूर हो जाते हैं और मैं आशा करता हूं भगवान राम की असीम कृपा सब पर बरसती रहे। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा सुनने से बुजुर्गों को सत्संग लाभ मिलता ही है, बल्कि बच्चों को जीवन में सिद्धांत एवं संस्कृति का ज्ञान प्राप्त होता है।
उन्होंने कार्यक्रम के सुंदर आयोजन के लिए मंदिर कमेटी को बधाई दी। सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर के प्रधान अशोक अरोड़ा ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और पटका पहनाकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज के जीवन में श्रीराम कथा और भागवत कथा का श्रवण अत्यंत आवश्यक है। अंत समय में हरि नाम का जितना स्मरण हो जाए, उतना अच्छा है। अंत समय में भी राम का नाम लिया जाता है, इसलिए जीते जी जितना अधिक हो सके राम का नाम भजना चाहिए। वर्तमान में सत्संग भक्ति ही जीवन मुक्ति का सबसे सरल तरीका है। मात्र सत्संग करने से ही व्यक्ति ईश्वर को प्राप्त कर सकता है। सभी को सत्संग सुनने के लिए अवश्य समय निकालना चाहिए। इस अवसर पर सुरेंद्र अरोड़ा, विनोद कुमार, मनोहर नागपाल, सतीश वाधवा, मनोज विरमानी, पवन कुमार, राहुल, वह मंच संचालन के लिए भारत अरोड़ा विशेष रूप से उपस्थित रहे।।


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