Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 15 जुलाई: जिला उपायुक्त विक्रम सिंह यादव ने बताया कि यमुना में बढ़े जलस्तर के बाद आस-पास के गांवों में जलस्तर बढऩे के बाद जिला प्रशासन व एनडीआरएफ की टीम द्वारा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित शेल्टर होम पहुंचाया गया है तथा निरंतर यह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसी के चलते गांव मंझावली तथा अकबरपुर से करीब 342 बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर सेफ होम पहुंचाया गया।
डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को खाने व पीने की परेशानी का सामना न करना पढ़े, इसलिए जिला रेडक्रॉस सोसाइटी व रोटरी क्लब के सहयोग से प्रशासन द्वारा स्थापित किए गए सभी 14 शैल्टर होम में अस्थाई रसोई स्थापित की गई हैं, जिससे की लोगों को खाना पहुंचाने में देरी न हो पाए और लोगों को समय पर भोजन प्राप्त हो सके। लोगों को दिक्कत न हो इसके लिए मौके पर ही खाना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे समय की बचत होगी और लोगों को बेहतरीन सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही बाढ़ पीडि़त लोगों को पीने के पानी की व्यवस्था के लिए टैंकर लगाए गए हैं।

वहीं जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव बिजेंद्र सोरोत ने बताया कि शैल्टर होम में नि:शुल्क भोजन सेवा के लिए फरीदाबाद की सामाजिक संस्थाओं से सूखा राशन उपलब्ध करवाने की अपील की गई थी। जिसके परिणामस्वरूप दान की शुरूआत करते हुए स्त्री शक्ति पहल संस्था तथा बदलाव हमारी कोशिश द्वारा एक क्विंटल से भी ज्यादा सूखा राशन जिला रेडक्रॉस सोसाइटी फरीदाबाद को सौंप दिया गया है।
इस मौके पर रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव बिजेंद्र सोरोत ने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को कोई जानकारी की आवश्यकता है या किसी भी प्रकार की सूचना जिला प्रशासन को देनी है तो वे सैक्टर-12 स्थित डीआरओ कार्यालय में स्थापित किए गए बाढ़ नियंत्रण कक्ष के टेलीफोन नंबर 0129-2227937 पर दे सकते हैं। जिला प्रशासन गंभीरता से लोगों की मदद कर रहा है।

यमुना से लगते सभी गांवों के लिए अलग-अलग एसडीएम स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यमुना के क्षेत्र में खेतों में मौजूद पालतू मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर लाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।