मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 1 सितम्बर: अपराध, कानून-व्यवस्था व अन्य मुद्दों से संबंधित विषयों की समीक्षा के लिए आज पुलिस कमिश्रर राकेश कुमार आर्य ने पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ अपनी पहली समीक्षा बैठक की। बैठक में ज्वाइंट सीपी ओपी नरवाल, डीसीपी मुख्यालय हेमेंद्र कुमार मीणा, डीसीपी सेंट्रल पूजा वशिष्ठ, डीसीपी ट्रैफिक अमित यशवर्धन, डीसीपी बल्लबगढ़ राजेश दुग्गल, डीसीपी क्राइम मुकेश कुमार मल्होत्रा, डीसीपी एनआईटी नरेंद्र कादियान, एसीपी हेडक्वार्टर अमन यादव सहित सभी एसीपी, महिला व ट्रैफिक थाना सहित सभी थाना प्रबंधक, सभी चौकी प्रभारी, क्राइम ब्रांच व कार्यालय के सभी ब्रांच इंचार्ज और संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
मीटिंग में पुलिस कमिश्रर ने सबसे पहले फरीदाबाद के सभी थाना चौकियों की भौगोलिक परिस्थितियों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। पुलिस आयुक्त ने सभी थाना प्रबंधक, चौकी प्रभारी व क्राइम ब्रांच प्रभारी से उनके क्षेत्र में होने वाले अपराध व अपराधों के प्रकार तथा उन पर अंकुश लगाने के लिए की जाने वाली कार्यवाही के बारे में विस्तृत जानकारी ली।
मीटिंग के दौरान अनेक विषयों तथा आपराधिक आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा विस्तृत विचार विमर्श किया गया। इनमें आपराधिक आंकड़ों के साथ-साथ स्थानीय एवं विशेष प्रावधानों के तहत आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम करना, लंबित शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारा, उदघोषित अपराधी, बेल जंपर, मोस्ट वांटेड तथा आपराधिक गिरोह में शामिल दोषियों की धरपकड़ के लिए की गई कार्यवाही, मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त दोषियों की संपत्ति को अटैच करने की कार्रवाई, दर्ज आपराधिक मामलों की जांच पड़ताल की कार्यवाही, चिन्हित अपराधों की रोकथाम के लिए निगरानी, मादक एवं नशीले पदार्थों, जुआ सट्टा, अवैध शराब की तस्करी तथा अवैध असला को पकडऩे के लिए चलाए गए विशेष अभियान के दौरान की गई कार्यवाही की समीक्षा, क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था के हालात की समीक्षा, अपराध की दृष्टि से संवेदनशील एरिया में पुलिस की मौजूदगी एवं निगरानी इत्यादि विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य ने बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियो को निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस को आपराधिक मामलों की जांच के दौरान नई तकनीकों का प्रयोग करना चाहिए। साक्ष्य एकत्रित करने के लिए आधुनिक तकनीकी साधनों का प्रयोग करे ताकि अदालत में ठोस व पुख्ता सबूत पेश किए जा सके जिससे कि अपराधी को सजा दिलाई जा सके। अनुसंधान के दौरान मामले की हर पहलू से जांच करें। गैंगस्टर व अपराधियों की धरपकड़ के अतिरिक्त कानून व्यवस्था, यातायात व्यवस्था व अन्य सामान्य ड्यूटियों के दौरान भी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जाए। नाकाबन्दी के दौरान वाहनों की गहनता से जांच की जाए।
उन्होंने कहा कि संगीन किस्म के अपराधों से जुड़ी शिकायतों की गहनता से जांच करके त्वरित कार्रवाई की जाए। इसके अलावा नशा तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने जिले के मोस्टवांटेड इनामी अपराधियों को पकडऩे के लिए गंभीरता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने आम्र्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट व जघन्य किस्म के मामलों की गहनता से जांच करने व केस की तह तक जाने व सोर्स का पता लगाने के निर्देश दिए ताकि अपराधियों के नेटवर्क का पता चल सके व प्रभावी कार्रवाई कर अपराध की पुनरावृति को रोका जा सके। उन्होने महिला विरुद्ध अपराधों की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता के साथ विनम्र व्यवहार किया जाए। थाने में आने वाले हर व्यक्ति की सुनवाई हो और उसकी शिकायत पर तुरंत निष्पक्ष एवं न्यायोचित कार्यवाही की जाए। अपराध की रोकथाम के लिए निरंतर गश्त करें। दुष्चरित्र एवं असामाजिक शरारती तत्वों पर निगरानी रखें तथा उनके खिलाफ निवारक कार्यवाही करें।
आदतन अपराधियों व उनके सहयोगियों को जो जेल से बाहर आए उन पर निगाह रखी जाए। सभी थाना प्रबंधकों, चौकी प्रभारियों को अपने-अपने एरिया के सभी बदमाशों /अपराधियों के संबंध में पूरी जानकारी होनी चाहिए। किसी भी क्रिमिनल के साथ सहयोग या मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य ने सडक़ दुर्घटनाओं के मामलों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सडक़ हादसों को रोकने तथा सडक़ हादसों में होने वाले जान व माल की हानि को रोका जाए। दुर्घटना की सूचना पर तत्परता से मौका पर पहुंचकर घायलों की जान बचाने व उनकी हरसंभव मदद की जाए। किसी भी तरह की घटना दुर्घटना की सूचना पर तत्परता से मौका पर पहुंचकर न्यायोचित कार्रवाई की जाए।